प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत 65 स्वास्थ्य संस्थाओं में हुई गर्भवती महिलाओं की जांच

भोपाल । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान** के अंतर्गत आयोजित शिविरों में **3564 गर्भवती महिलाओं** की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें **427 हाई-रिस्क मामले** चिह्नित किए गए। इस अभियान का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना और गर्भवती महिलाओं को उचित समय पर विशेष देखभाल प्रदान करना है। शिविरों में **108 एंबुलेंस सेवा** के माध्यम से महिलाओं को निशुल्क परिवहन सुविधा दी गई। भोपाल जिले में **65 स्वास्थ्य संस्थानों** में यह शिविर आयोजित किए गए, जिसमें निजी क्षेत्र के चिकित्सकों ने भी सेवाएं प्रदान कीं।
इस अभियान के तहत, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ और पूर्व में सीजेरियन डिलीवरी जैसे जोखिम वाले लक्षणों की पहचान कर हाई-रिस्क प्रेगनेंसी के रूप में चिन्हित किया जाता है। इन महिलाओं को विशेषज्ञ चिकित्सकीय परामर्श और जांच सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जिसमें हीमोग्लोबिन, यूरिन एल्ब्युमिन, शुगर, मलेरिया, टीबी, हेपेटाईटिस, ओरल ग्लूकोज़ टेस्ट, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, और सिफलिस की जांच शामिल है। इसके अलावा, सोनोग्राफी और थायराइड जांच भी चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार की जाती है।
इस अभियान के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है, जो भोपाल जिले में पहली बार प्रारंभ की गई है। इस सेवा के तहत, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, गांधी मेडिकल कॉलेज, जयप्रकाश जिला चिकित्सालय, और सिविल अस्पताल डॉ. कैलाशनाथ काटजू में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अस्पतालों में लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करके गर्भावस्था के गंभीर लक्षणों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।