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थाईलैंड-कंबोडिया से संचालित गिरोह के दो आरोपी मुंबई से गिरफ्तार, 27 लाख से अधिक सामग्री जब्त

पन्ना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया

भोपाल/पन्ना, । मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की पुलिस ने थाईलैंड व कंबोडिया से संचालित हाईटेक ‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, मुंबई से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 27 लाख 10 हजार रुपये की साइबर क्राइम सामग्री जब्त की गई है, जिसमें भारत में प्रतिबंधित 12 सिम बॉक्स, 1700 से अधिक सिम कार्ड्स, लैपटॉप, विदेशी मुद्रा, नकद और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ शामिल हैं।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक पन्ना श्री साईं कृष्ण एस. थोटा के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वंदना चौहान और एसडीओपी एस.पी. सिंह बघेल के मार्गदर्शन में की गई।

ठगी का तरीका: डिजिटल अरेस्ट का डर और मानसिक भ्रम

पीड़िता अंशु शर्मा (निवासी धाम मोहल्ला, पन्ना) को 07 फरवरी 2025 को एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें खुद को सरकारी अधिकारी बताकर उसे “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी दी गई और कहा गया कि उसकी आईडी अवैध गतिविधियों में उपयोग हो रही है। डर और भ्रम की स्थिति में, पीड़िता से ₹14 लाख की राशि RTGS के माध्यम से ट्रांसफर करवा ली गई।

तकनीकी खुलासे और गिरोह की अंतरराष्ट्रीय कड़ी

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी टेलीग्राम ऐप के माध्यम से थाईलैंड और कंबोडिया में बैठे विदेशी ठगों से संपर्क में थे, जो खुद को “बॉस” कहकर सिमबॉक्स तकनीक की जानकारी देते थे।
भारत में इन सिमबॉक्स डिवाइस के माध्यम से विदेशी कॉल को लोकल कॉल में बदला जाता था, जिससे आम जनता को भ्रमित कर ठगा जा सके।

आरोपियों ने बताया कि वे मुंबई में किराए के फ्लैट में पूरा तकनीकी सेटअप चलाते थे और भारतीय सिम कार्ड्स को थाईलैंड-कंबोडिया भेजते थे, जहाँ उनके बदले विदेशी करेंसी मिलती थी।

जब्त सामग्री का विवरण (कुल मूल्य ₹27,10,000):

12 सिमबॉक्स डिवाइस – ₹14.40 लाख

1700+ एयरटेल सिम कार्ड – ₹6.80 लाख

19 मोबाइल फोन – ₹3.50 लाख

3 लैपटॉप – ₹90,000

4 राउटर, गैंगबॉक्स, अन्य डिवाइस – ₹20,000

ATM कार्ड, ब्लैंक चेक, पासपोर्ट, विदेशी करेंसी, नगद ₹1.5 लाख

गिरफ्तार आरोपी:

1. ऋषिकेश उर्फ ऋषभ हसूरकर (27) – कोल्हापुर (महाराष्ट्र) मूल निवासी
2. सुरेश गुड़ीमनी (31) – बेलगांव (कर्नाटक) मूल निवासी
वर्तमान में दोनों आरोपी मानपाड़ा, ठाणे (महाराष्ट्र) में URBANO Q 901 अपार्टमेंट में रहते थे।
तकनीकी एजेंसियों का सहयोग और जांच जारी

पन्ना पुलिस I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre), डॉट (Department of Telecommunications), स्टेट साइबर पुलिस, तथा अन्य राष्ट्रीय तकनीकी एजेंसियों के सहयोग से मामले की विवेचना कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान देशभर में फैले इस नेटवर्क के अन्य खुलासे भी होंगे।

टीम को ₹10,000 का इनाम

इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी कोतवाली नि. रोहित मिश्रा, धरमपुर थाना प्रभारी उनि. अनिल सिंह राजपूत, सिविल लाइन चौकी प्रभारी शक्ति पांडे, साइबर सेल सदस्य प्र.आर. राहुल सिंह बघेल, आशीष अवस्थी, धर्मेन्द्र सिंह, और संदीप पटेल सहित कई अधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई।
पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा टीम को ₹10,000 का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

निष्कर्ष:

यह कार्रवाई साइबर अपराधों से निपटने में मध्यप्रदेश पुलिस की तकनीकी दक्षता और सतर्कता का प्रमाण है। डिजिटल अरेस्ट जैसे मानसिक डर पर आधारित फ्रॉड मॉडल के विरुद्ध इस कार्रवाई ने यह साबित किया है कि बिना राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समन्वय के साइबर अपराध से लड़ना संभव नहीं।
पन्ना पुलिस का यह अभियान निश्चित ही देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा।
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