सुसाइड प्रिवेंशन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, 500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को मिला प्रशिक्षण
भोपाल, । राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आत्महत्या रोकथाम हेतु गेटकीपर्स प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल कार्यालय द्वारा पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में किया गया। इस कार्यक्रम में कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, एएनएम और आशा सुपरवाइजर को आत्महत्या रोकथाम के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक पहलुओं पर भी विशेष जोर दिया गया, ताकि स्वास्थ्य कर्मी इस गंभीर समस्या से निपटने में सक्षम हो सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉ. राजेश गौर ने आत्महत्या की समस्या से निपटने के लिए मिलजुल कर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “इस समस्या का समाधान स्कूल स्तर से ही शुरू किया जाना चाहिए, और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना बेहद ज़रूरी है। आत्महत्या की रोकथाम के लिए सबसे पहले हमें खुद शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहिए, और समाज एवं परिवार को भी स्वस्थ बनाए रखना होगा।”
इस प्रशिक्षण में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग प्रमुख डॉ. वैभव दुबे, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. जे. पी. अग्रवाल, वरिष्ठ चिकित्सा मनोवैज्ञानिक श्री सुमित राय, डॉ. विनोद कुमार साहू, नोडल अधिकारी डॉ. आर. के. बैरागी, और जिला चिकित्सालय भोपाल के चिकित्सा मनोवैज्ञानिक श्री राहुल शर्मा ने भी अपने विचार साझा किए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आत्महत्या रोकथाम के लिए अब तक 500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि भोपाल के जिला चिकित्सालय जयप्रकाश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क प्रदान की जाती हैं, और टेलीमानस हेल्पलाइन नंबर 14416 या 18008914416 पर भी लोग निशुल्क और गोपनीय परामर्श ले सकते हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्महत्या रोकथाम के दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और जीवन को सुरक्षित बनाने में मदद करेगा।