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दस्तक अभियान का दूसरा चरण: 18 फरवरी से 18 मार्च तक पांच वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए विशेष पहल

भोपाल । बाल स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करने के लिए चलाए जा रहे दस्तक अभियान का द्वितीय चरण आज से शुरू हो रहा है। यह अभियान 18 फरवरी से 18 मार्च तक संचालित होगा, जिसके अंतर्गत 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इसके साथ ही, दस्तक अभियान के पहले चरण में एनीमिक पाए गए 6 माह से 5 साल के बच्चों की खून की जांच की जाएगी, जिसे डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर से किया जाएगा। एनीमिया के स्तर की पुनः जांच के बाद, बच्चों का थेरेप्यूटिक प्रबंधन किया जाएगा।

दस्तक अभियान का उद्देश्य और संचालन
इस अभियान का उद्देश्य बाल मृत्यु में कमी लाना और स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं प्रदान करना है। एएनएम, आशा, और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्तक अभियान की सेवा देंगे और बच्चों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाएंगे। अभियान के पहले चरण के दौरान किए गए चरणबद्ध कार्यों के आधार पर जिला और विकासखंड स्तर पर कार्ययोजना बनाई गई है।

अभियान के तहत की जाने वाली प्रमुख गतिविधियां

विटामिन ए की खुराक: 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए के घोल की खुराक पिलाई जाएगी।

एनीमिया की जांच: डिजिटल हिमोग्लोबीनोमीटर से बच्चों में एनीमिया की स्थिति की जांच की जाएगी और एनीमिक बच्चों को आयरन सप्लीमेंट्स दिए जाएंगे।


स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल, डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अभियान के लिए बच्चों की लाइन लिस्टिंग तैयार की गई है। इस अभियान के दौरान सभी लक्षित बच्चों को स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम द्वारा गृहभेंट कर सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

अभियान का महत्व
यह दस्तक अभियान बाल स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, और इससे आगे चलकर बाल मृत्यु दर में कमी और सामाजिक कल्याण में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

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