चित्रकूट से अमरकंटक तक 3,51,111 दीपों से जगमगाई रामपथ की पावन धरा

देव प्रबोधिनी एकादशी पर श्रीरामचंद्र पथ गमन स्थलों पर दीपोत्सव पर्व 2025 का भव्य आयोजन

भोपाल। देव प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश की पवित्र भूमि चित्रकूट से अमरकंटक तक “श्रीरामचंद्र पथ गमन” मार्ग भक्ति, प्रकाश और संस्कृति के अनोखे संगम से आलोकित हो उठा। प्रदेशभर में 3,51,111 दीपमालाओं की लौ एक साथ प्रज्वलित हुई, जिसने श्रीराम के वनवास मार्ग की स्मृतियों को पुनः जीवंत कर दिया।

श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एन.पी. नामदेव ने बताया कि दीपोत्सव पर्व-2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भारतीय सभ्यता, आस्था और “रामत्व” की अखंड परंपरा का प्रतीक है।

अमरकंटक के रामघाट और नर्मदापुरम् के सेठानी घाट पर माँ नर्मदा के तट पर 51,000 दीपों की अलौकिक ज्योति से पूरा क्षेत्र प्रकाशमान हो गया। वहीं चित्रकूट के राघव प्रयाग घाट पर 1,11,111 और पंचवटी घाट पर 20,000 दीपों से प्रभु श्रीराम का स्मरण किया गया।

घाटों को फूलों, रंगोली और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया। पुजारियों ने गोधूलि बेला में माँ मंदाकिनी, माँ नर्मदा, प्रभु श्रीराम और माता सीता की महाआरती की।

भक्ति संगीत संध्या में सागर के “विभोर” इंडियन फ्यूज़न बैंड, बालाघाट की मुस्कान चौरसिया, भोपाल के दीप म्यूजिकल ग्रुप और जबलपुर के मनीष अग्रवाल जैसे कलाकारों ने अपनी भक्ति प्रस्तुति से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

इसके साथ ही मैहर, कटनी, पन्ना, शहडोल और उमरिया सहित 9 जिलों में भी दीपमालाओं से पवित्र घाटों को सजाया गया। यह आयोजन जिला प्रशासन और श्रीरामचंद्र पथ गमन न्यास के संयुक्त प्रयासों से सम्पन्न हुआ, जिसने एक बार फिर मध्यप्रदेश की पावन धरा पर “जय श्रीराम” के मंत्र से भक्ति का प्रकाश फैला दिया।

Exit mobile version