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पिपलानी जिनालय से निकली भव्य शोभायात्रा: क्षमा में समाई है पृथ्वी—आर्यिका अकलंक मति

भोपाल : श्री आदिनाथ जिनालय से गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाएं धर्म ध्वजा थामे मंगल गीत गाते हुए प्रभु की भक्ति कर रही थीं। युवतियां डांडिया नृत्य के साथ जयकारे लगाते हुए समारोह को रंगीन बना रही थीं। पिपलानी जिनालय समिति के प्रदीप हरसोला और राजू गोयल ने बताया कि शोभायात्रा में भगवान जिनेंद्र का रथ आस्था का केंद्र था।

शोभायात्रा के समापन पर पिपलानी जिनालय में मूलनायक आदिनाथ स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना के साथ सामूहिक क्षमा वाणी का आयोजन आर्यिका अकलंक मति और आर्यिका सिद्ध मति जी के सान्निध्य में किया गया। आर्यिका मति ने कहा, “क्षमा एक व्यापक शब्द है, जिसमें पृथ्वी समाई है। क्षमा का अर्थ है परस्पर सहयोग, दया, करुणा और पवित्र आचरण।”

उन्होंने आगे कहा कि क्षमा धर्म का पर्यायवाची है और धर्म में क्षमा समाई है। इस अवसर पर निरंतर उपवास की साधना करने वाले समाज की प्रमुख व्यक्तियों का मंदिर समिति द्वारा सम्मान किया गया।

इस भव्य कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मंदिर समिति के अरविन्द पंत, संजय जैन, अतुल जैन, नीतेश जैन, राजू गोयल और प्रदीप हरसोला उपस्थित थे। इसके अलावा, ऐरादेवी महिला मंडल की श्रीमती मृदु जैन, अनिता पंत, मंजु हरसोला, सिम्मी गंगवाल और ज्योति गोयल भी शामिल हुईं।

इस कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा दिया, बल्कि क्षमा और एकता का संदेश भी फैलाया। समाज प्रवक्ता अंशुल जैन ने इस आयोजन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह समाज में शांति और भाईचारे का प्रतीक है।

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