भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों की समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए चलित न्यायालय लगाने की घोषणा की है। इन न्यायालयों का उद्देश्य दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के तहत राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से संबंधित उनकी समस्याओं को मौके पर ही सुलझाना है। प्रदेश का पहला चलित न्यायालय 17 अक्टूबर को सीधी और सिंगरौली जिलों में आयोजित किया जाएगा।
इस संबंध में, आयुक्त नि:शक्तजन कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सांसद सीधी, डॉ. राजेश मिश्र ने की। बैठक में रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. गगन कोले, सचिव रामेन्द्र सिंह, और डॉ. दीपमाला रावत भी उपस्थित थे।
राज्य आयुक्त नि:शक्तजन संदीप रजक ने बताया कि जिला स्तर पर चलित न्यायालय आयोजित करने का निर्णय लिया गया है ताकि दिव्यांगजनों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आ रही कठिनाइयों का त्वरित समाधान हो सके। इस न्यायालय में दिव्यांगजनों को दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, यूडीआईडी कार्ड, व्हीलचेयर, मोटराइज्ड ट्राइसिकल, कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, और स्व-रोजगार के लिए ऋण जैसी सुविधाओं का भी निरीक्षण और वितरण किया जाएगा।
इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, 28 अगस्त को सीधी और 29 अगस्त को सिंगरौली में जिला स्तरीय एडवोकेसी बैठकें आयोजित की जाएंगी।