स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उच्च न्यायालय के आदेश का लाभ दिलाने की मांग, कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के पक्ष में दिए गए आदेश का तत्काल पालन किया जाए। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि 27 फरवरी 2024 को उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 10 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सभी वित्तीय लाभ देते हुए नियमित किया जाए। इसके साथ ही, उन्हें पूर्व सेवाकाल की वरिष्ठता का लाभ भी प्रदान किया जाए।
हालांकि, सरकार ने इस आदेश का पालन 120 दिन की समय-सीमा के भीतर नहीं किया, जिसके चलते न्यायालय ने 2 सितंबर 2024 को मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि 4 सप्ताह के भीतर स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान किया जाए।
श्री पांडे के अनुसार, अगर सरकार न्यायालय के आदेश का पालन करती है, तो इन कर्मचारियों को पूर्व में की गई सेवा के आधार पर वित्तीय लाभ प्राप्त होंगे और सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलेंगी। उदाहरण के लिए, जिन अकुशल कर्मियों को वर्तमान में ₹4000 से ₹7000 तक का मूल वेतन मिल रहा है, उन्हें ₹21,840 का मूल वेतन और 46% महंगाई भत्ता मिलकर ₹30,000 तक का वेतन मिलेगा। वहीं, कुशल कर्मियों को ₹24,960 का मूल वेतन और 46% महंगाई भत्ता मिलाकर ₹31,000 से अधिक का वेतन प्राप्त होगा।
इस मुद्दे पर सरकार के पास अब सीमित समय है, और अगर इस दौरान आदेश का पालन नहीं होता, तो न्यायालय द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।