
ब्राह्मणों पर बढ़ते अत्याचार पर आक्रोश
उत्तर प्रदेश में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें समाज के एक वरिष्ठ और सम्मानित ब्राह्मण बुजुर्ग भोलानाथ पांडे के साथ बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर दी गईं। खबरों के मुताबिक, पहले उनकी चोटी (शिखा) उखाड़ दी गई, फिर मूंछें नोची गईं और इसके बाद उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि सवर्ण समाज विशेषकर ब्राह्मणों के आत्मसम्मान और संस्कृति पर भी गहरी चोट है। लगातार सामने आ रही फर्जी FIR और सामाजिक रूप से प्रायोजित हमलों के कारण ब्राह्मण समाज में रोष व्याप्त है।
भोलानाथ पांडे के साथ हुई इस क्रूरता ने सोशल मीडिया और ब्राह्मण संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। लोगों का कहना है कि अब यह उत्पीड़न सहने की नहीं, बल्कि इसका विरोध करने की घड़ी है। समाज के कुछ लोगों ने यह भी कहा कि जब ब्राह्मणों को उनके प्रतीकों – चोटी, मूंछ और मान–सम्मान को नष्ट करके अपमानित किया जा रहा है, तब चुप रहना विकल्प नहीं बचता।
समाज के एक वर्ग का मानना है कि यह घटनाएं योजनाबद्ध तरीके से ब्राह्मणों और सवर्णों के खिलाफ नफरत फैलाने की साजिश का हिस्सा हैं। फर्जी FIR, जातिगत टारगेटिंग और सांस्कृतिक अपमान जैसे मुद्दों ने ब्राह्मण समुदाय को आंदोलन की ओर धकेल दिया है।
भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ब्राह्मण संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने न्यायिक जांच, पीड़ित को सुरक्षा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यदि आप चाहें तो इस समाचार का वीडियो स्क्रिप्ट, सोशल मीडिया कैप्शन या विरोध प्रदर्शन से जुड़ी मांगों का ड्राफ्ट भी मैं तैयार कर सकता हूँ।