State

तहसीलदार मौ पर लगे अनियमितता के आरोप, भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर और लापरवाही की जांच शुरू

भिंड । मध्य प्रदेश के भिंड जिले के मौ तहसील में प्रभारी तहसीलदार माला शर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के और बिना किसी आदेश के भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर किया। ग्राम खेरियाचांदन, हल्का क्रमांक 75 में खसरा नंबर 47/1/1 को वेब जीआईएस आईडी से गलत तरीके से अपडेट किया गया।

भूमि का हेरफेर और अवैध रजिस्ट्री

बताया जा रहा है कि वर्ष 2022-23 में खसरा नंबर 47/1/1 में ‘अहस्तांतरणीय’ शब्द को हटाकर, माला शर्मा ने अपने रिश्तेदार रामबाबू शर्मा के नाम 1500 स्क्वेयर फीट का प्लॉट दर्ज कराया। यह रजिस्ट्री एमपी042852023ए12682262 नंबर से की गई, जो नियमों के खिलाफ है।

तहसील कार्यालय का अवैध उपयोग

माला शर्मा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने मौ तहसील के कार्यालय के प्रथम तल पर स्थित एक कक्ष का अनाधिकृत रूप से अपने निवास के रूप में उपयोग किया और इसके बावजूद भी सरकारी आवास भत्ता (एचआरए) प्राप्त किया।

अतिवृष्टि के दौरान गैरहाजिर

अतिवृष्टि के समय, जब पूरे क्षेत्र में बाढ़ और जलभराव की स्थिति थी, तब माला शर्मा 12 सितंबर 2024 की सुबह 10:30 बजे तक मुख्यालय से बिना सूचना अनुपस्थित रहीं। इस दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निवासियों को सुरक्षित निकालने और राहत कार्यों में उनकी अनुपस्थिति से लापरवाही स्पष्ट हुई।

नामांतरण मामलों में अनियमितता

ग्राम जारेट के नामांतरण प्रकरण संख्या 0777/3-6/2023-24 में मृतक चंदनसिंह के सभी वारिसों के हक के आधार पर नामांतरण स्वीकार किया गया। हालांकि, इस प्रकरण में लीलावती का हक त्याग सम्बंधी कार्यवाही सही तरीके से नहीं की गई, जिससे वैध वारिस का हक छूट गया।

तहसीलदार ने नजरअंदाज किए कलेक्टर के निर्देश

प्रकरण संख्या 0009/ब-121/2024-25 में कलेक्टर द्वारा सर्वे क्रमांक 3168/1 एवं 3186 से संबंधित सभी मामलों को तहसीलदार मौ को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, तहसीलदार ने जल्दबाजी में 11 मई 2024 को खसरे में संशोधन कर आदेश पारित कर दिया, जो कि भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत क्षेत्राधिकार में नहीं था।

तहसीलदार पर लगे अन्य आरोप

तहसीलदार माला शर्मा पर एक अन्य मामले में आरोप है कि उन्होंने अतिक्रमण मामले (प्रकरण संख्या 008/168/2024-25) में पहले 28 अगस्त 2024 को 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और अगले ही दिन 29 अगस्त 2024 को आदेश पारित कर जुर्माना घटाकर 6 हजार रुपये कर दिया, जो उनके निर्णयों की असंगति को दर्शाता है।

जांच और कार्रवाई की मांग

तहसीलदार माला शर्मा के खिलाफ भिंड जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और उनके द्वारा किए गए सभी संदिग्ध निर्णयों की समीक्षा की जा रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है और दोषी पाए जाने पर उन्हें क्या सजा मिलती है।

(यह लेख माला शर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर आधारित है। प्रशासनिक जांच के परिणाम आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।)

Related Articles