मध्य प्रदेश के एकलव्य आदर्श विद्यालयों के शिक्षक और प्राचार्य परेशान, नई नियुक्तियों से बढ़ी समस्या
भोपाल। मध्य प्रदेश जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत संचालित 63 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक और प्राचार्य इन दिनों शासन की नीतियों से परेशान हैं। पहले इन शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन परीक्षा और मेरिट लिस्ट के आधार पर की गई थी। लेकिन अब भारत सरकार की नई आदिवासी शिक्षा समिति (NESTS) द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर नए शिक्षकों को इन संस्थानों में पदस्थ कर दिया गया है, जिससे पहले से कार्यरत शिक्षक और प्राचार्य के पदों पर संकट खड़ा हो गया है।
#### समस्या की जड़
शिक्षकों का कहना है कि उन्हें पहले यह आश्वासन दिया गया था कि वे इन्हीं संस्थानों में समायोजित कर दिए जाएंगे, लेकिन अब उन्हें हटाया जा रहा है। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने समय पर उनकी जानकारी आदिवासी शिक्षा समिति (NESTS) को नहीं भेजी, जिसके चलते उनके पदों पर नई भर्ती कर दी गई। यह शासन की लापरवाही और कर्मचारियों के प्रति अनदेखी को दर्शाता है।
#### शिक्षकों की मांग
शिक्षक हीरानंद नरवरिया का कहना है कि सभी प्रभावित शिक्षकों की काउंसलिंग के माध्यम से सामान्य स्कूलों में पदस्थापना की जाए, ताकि उनकी समस्या का समाधान हो सके। बैतूल से आए शिक्षक राजू मालवीय ने बताया कि तीन महीने से शिक्षक अधिकारीयों के पास जाकर अपनी समस्याएं रख रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला है। शाहपुर से आई शिक्षिका स्मिता जैन ने कहा कि नए शिक्षक उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर रहे हैं, जिससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।
#### मंत्री और अधिकारियों से मुलाकात
इन परेशान शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह से मिला। मंत्री जी ने आश्वासन दिया कि उनकी पदस्थापना जल्द ही उचित स्कूलों में की जाएगी। वहीं, प्रमुख सचिव से भी शिक्षकों ने मुलाकात कर अपनी समस्या रखी। शिक्षकों की मांग है कि उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से सामान्य स्कूलों में नियुक्ति दी जाए ताकि वे मानसिक शांति से काम कर सकें।
#### वेतन और क्लेम की समस्या
शिक्षकों का कहना है कि बार-बार वेतन पद्धति बदलने से उनका वेतन समय पर नहीं मिल रहा है। इसके अलावा, उनके क्लेम भी अभी तक अप्राप्त हैं और राज्य के पोर्टल IFMIS पर उनका रिकॉर्ड भी अपडेट नहीं है। यदि भविष्य में ऑनलाइन ट्रांसफर नीति लागू होती है, तो वे आवेदन करने से वंचित रह सकते हैं।
#### संस्थानों की नींव रखने वाले शिक्षक आज असमंजस में
जिन शिक्षकों ने इन आवासीय विद्यालयों की नींव रखी और उत्कृष्ट सेवाएं दीं, आज वे असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें अतिरिक्त समय देने के बावजूद प्रतिनियुक्ति भत्ता जैसे लाभ नहीं मिले हैं, और अब वे यह सोचकर चिंतित हैं कि आगे उनकी नियुक्ति कहां की जाएगी।
#### प्रमुख शिक्षकों के नाम
इस विरोध में शामिल प्रमुख शिक्षकों में हीरानंद नरवरिया, राजू मालवीय, कमल मसकोली, स्मिता जैन, सारिका शर्मा, दशरथ धुर्वे, नरेंद्र जावलकर, गीतिका वर्मा, कमलेश जोशी, भेरूलाल गोले, प्रदीप सोलंकी, बुद्धेश्वर सोनी, महेंद्र पटेल, प्रतिमा प्रसाद, कमलेश ताड़ आदि शामिल हैं, जिन्होंने प्रमुख सचिव और विभागीय अधिकारियों से भी मुलाकात की।
शिक्षकों की इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाना आवश्यक है, ताकि उन्हें अपनी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखने का अवसर मिल सके और भविष्य में इस प्रकार की दिक्कतें न आएं।