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बीज निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और अवकाश नगदीकरण भुगतान की मांग को लेकर 21 अप्रैल से धरना प्रदर्शन

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम (बीज निगम) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपने लंबित भुगतान और अधिकारों की मांग को लेकर आंदोलन का रास्ता चुना है। सेवानिवृत्त अर्द्ध शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और महासचिव अरुण वर्मा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है कि यदि बीज निगम प्रबंधन ने समयमान वेतनमान, ग्रेच्युटी और अवकाश नगदीकरण जैसे कानूनी लाभों का शीघ्र भुगतान नहीं किया, तो 21 अप्रैल 2025 से बीज निगम मुख्यालय के सामने धरना दिया जाएगा।

ग्रेच्युटी भुगतान में देरी से हुई कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मृत्यु
महासचिव अरुण वर्मा ने बताया कि बीज निगम के सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्षों से उनकी ग्रेच्युटी, छुट्टी नकदीकरण और अन्य वैधानिक देय राशि नहीं दी गई है। इस देरी के कारण कई वरिष्ठ नागरिक इलाज के अभाव में असमय मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए फेडरेशन के सदस्यों में भारी आक्रोश और असंतोष है।

फेडरेशन की स्पष्ट चेतावनी: भुगतान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन
सेवानिवृत्त अधिकारी आर.के. वर्मा, एस.एस. तिवारी, दिनेश साहू, आर.एन. मिश्रा, विजय राजपूत, प्रदीप मालवीय, सी.एम. पटेल, अशोक नेमा, ओमप्रकाश जैन और जी.के. अग्रवाल जैसे कई वरिष्ठ सदस्य धरना आंदोलन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि यदि बीज निगम प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वित्तीय दावों का शीघ्र समाधान नहीं किया, तो आगामी 21 अप्रैल से निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मुख्य मांगें:

ग्रेच्युटी का तत्काल भुगतान

अवकाश नगदीकरण की लंबित राशि

समयमान वेतनमान का लाभ

सभी लंबित क्लेम और भत्तों का निपटान


सेवानिवृत्त कर्मचारियों का आरोप: प्रबंधन की उदासीनता
फेडरेशन के नेताओं का आरोप है कि बार-बार लिखित एवं मौखिक अनुरोधों के बावजूद बीज निगम प्रबंधन द्वारा इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे यह प्रतीत होता है कि निगम प्रशासन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों के प्रति उदासीन है।

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