नूंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट का सख्त फैसला: दो अलग-अलग POCSO मामलों में मुबारक और उस्मान को 20-20 साल की कठोर सज़ा, नाबालिगों के साथ अत्याचार पर न्याय की गूंज

नूंह । हरियाणा के नूंह ज़िले से एक बड़ा फैसला सामने आया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो भयावह POCSO मामलों में आरोपियों मुबारक और उस्मान को 20-20 साल की कठोर कैद की सज़ा सुनाई है। दोनों मामलों में नाबालिग लड़कियों को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया गया था। अदालत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि “बच्चियों के सम्मान से खेलने वालों को समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।”


हरियाणा के नूंह ज़िले में न्यायाधीश डॉ. आशु संजीव की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को दो अलग-अलग POCSO  मामलों में ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

पहले मामले में आरोपी मुबारक ने एक नाबालिग लड़की का अपहरण किया, उसे धमकाकर नकदी और सोना लूट लिया, और बाद में दोबारा बंधक बनाकर प्रताड़ित किया। पीड़िता मानसिक आघात के चलते आत्महत्या का प्रयास करने तक मजबूर हो गई।

दूसरे मामले में उस्मान नामक युवक ने एक और नाबालिग लड़की को खेतों में ले जाकर सामूहिक बलात्कार किया और जान से मारने की धमकी देकर उसे चुप रहने पर मजबूर किया। दोनों घटनाओं ने स्थानीय समाज को झकझोर दिया था।

अदालत ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराधों पर कठोरतम दंड ही समाज में संतुलन और न्याय का संदेश दे सकता है। दोनों दोषियों को POCSO अधिनियम, अपहरण और बलात्कार की धाराओं के तहत 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई।

यह फैसला न केवल पीड़ित परिवारों के लिए न्याय का क्षण है बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी कि बाल यौन अपराधों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

Exit mobile version