भोपाल में फर्जी इलाज करने वाले दो क्लिनिक सील, CMHO कार्यालय की कड़ी कार्रवाई जारी

त्वचा और बालों का इलाज कर रहा डेंटिस्ट, एलोपैथिक इलाज कर रहा होम्योपैथ — दोनों क्लिनिक पाए गए बगैर पंजीयन

भोपाल। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), भोपाल के नेतृत्व में शहर में फर्जी और बगैर पंजीयन चल रहे निजी क्लिनिकों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। हालिया निरीक्षण में दो ऐसे निजी क्लीनिक पाए गए, जहां डॉक्टर अपनी निश्चित पैथी से इतर इलाज कर रहे थे। न तो इन क्लीनिक्स का वैध पंजीयन था और न ही जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम या प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज।

बागसेवनिया में डेंटिस्ट कर रहा था स्किन और हेयर ट्रीटमेंट

CMHO कार्यालय की जांच में सामने आया कि बागसेवनिया क्षेत्र स्थित DentoCare Multi Specialty Dental & Cosmetic Centre में एक डेंटिस्ट द्वारा त्वचा रोगों और बालों को उगाने के उपचार किए जा रहे थे। यह क्लिनिक न सिर्फ नर्सिंग होम एवं क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अपंजीकृत पाया गया, बल्कि इसमें बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल और पॉल्यूशन कंट्रोल से जुड़े कोई भी प्रमाण पत्र नहीं थे। जांच दल ने मौके पर ही क्लिनिक का संचालन बंद करवा दिया।

अशोका गार्डन में होम्योपैथ चला रहा था एलोपैथिक इलाज

दूसरा मामला अशोका गार्डन क्षेत्र का है, जहां Apex Clinic नामक एक निजी क्लिनिक में होम्योपैथिक डॉक्टर द्वारा एलोपैथिक पद्धति से मरीजों का इलाज किया जा रहा था। क्लिनिक के पास मप्र उपचार्यगृह एवं रूज़ोपचार अधिनियम के तहत कोई पंजीयन नहीं था। अधिकारियों ने क्लिनिक सील कर दिया और संचालन तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया।

CMHO की सख्ती: क्लिनिक निरीक्षण का अभियान तेज

CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी के निर्देश पर भोपाल जिले में निजी चिकित्सा संस्थानों का निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। इस निरीक्षण अभियान के तहत अधिकारियों की टीम निम्न बिंदुओं की गहन जांच कर रही है:

डॉक्टर की डिग्री एवं चिकित्सा पद्धति

संबंधित काउंसिल में पंजीयन

म.प्र. उपचार्यगृह एवं रूज़ोपचार अधिनियम के तहत पंजीयन

बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन अधिनियम अनुपालन

गुमास्ता लाइसेंस व अन्य कानूनी दस्तावेज


फर्जीवाड़ा पाए जाने पर होगी कठोर कार्रवाई

CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी ने स्पष्ट कहा है कि, “कोई भी निजी चिकित्सा व्यवसायी शासन द्वारा स्वीकृत पंजीयन, लाइसेंस और प्रमाण पत्रों के बिना चिकित्सा व्यवसाय न करें। साथ ही वे अपनी मान्यता प्राप्त पैथी में ही इलाज करें। अन्यथा, उनके विरुद्ध सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में भी कई फर्जी क्लिनिक्स और डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा चुकी है और यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि जनता को सुरक्षित और प्रमाणित इलाज मिल सके।

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