एम्स भोपाल में ऐतिहासिक हृदय प्रत्यारोपण पर विशेष व्याख्यान: भावी चिकित्सकों के लिए अनूठा अवसर

भोपाल । एम्स भोपाल में ऐतिहासिक हृदय प्रत्यारोपण पर एकीकृत व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिससे एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के छात्रों को हृदय शल्य चिकित्सा के जटिल पहलुओं की गहन जानकारी मिली। यह सत्र नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) की नई नीतियों के अनुरूप प्रारंभिक नैदानिक अनुभव और एकीकृत शिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
मध्य प्रदेश के पहले हृदय प्रत्यारोपण की प्रेरणादायक कहानी
इस व्याख्यान का मुख्य आकर्षण सीटीवीएस विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. योगेश निवारिया का सत्र था, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के पहले सफल हृदय प्रत्यारोपण की चुनौतियों, सर्जिकल कौशल और टीम वर्क की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस जटिल प्रक्रिया की बारीकियों को साझा करते हुए छात्रों को हृदय शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
प्रारंभिक नैदानिक अनुभव से छात्रों को मिलेगा लाभ
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने इस सत्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा:
“हम एम्स भोपाल में एक समावेशी और नैदानिक रूप से प्रासंगिक शिक्षण वातावरण विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक नैदानिक अनुभव छात्रों को चिकित्सा के क्षेत्र में मजबूत नींव बनाने में मदद करता है, जिससे वे अपने चुने हुए क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें।”
सत्र के प्रमुख लाभ:
हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया की गहन समझ
सर्जिकल कौशल और टीम वर्क की भूमिका पर जोर
चिकित्सा छात्रों के लिए करियर मार्गदर्शन
नई NMC नीतियों के तहत एकीकृत शिक्षण का अनुभव
हृदय शल्य चिकित्सा में करियर के इच्छुक छात्रों के लिए बड़ी प्रेरणा
इस सत्र से प्रेरित होकर कई छात्रों ने हृदय शल्य चिकित्सा में करियर बनाने की इच्छा जताई। यह व्याख्यान न केवल चिकित्सा ज्ञान को बढ़ावा देने में सहायक रहा बल्कि भावी चिकित्सकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी साबित हुआ।