भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के मीडिया मैनेजमेंट विभाग में मंगलवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विभाग द्वारा राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ मनाते हुए सामूहिक गायन से हुई, जिसने पूरे सभागार में देशभक्ति का माहौल बना दिया। विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अविनाश बाजपेयी ने इस अवसर पर वंदे मातरम् के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता डॉ. पद्मा सिंह, सहायक प्राध्यापक, नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक और नैतिक पक्षों पर विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि यद्यपि प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता का अधिकार है, लेकिन यह स्वतंत्रता अनुच्छेद 19(1) के तहत संगत प्रतिबंधों के दायरे में आती है ताकि सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता और नैतिकता बनी रहे।
डॉ. सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों, फिल्म और मीडिया उदाहरणों तथा डिजिटल युग की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सोशल मीडिया ने स्वतंत्रता के साथ-साथ ग़लत सूचना के प्रसार को भी बढ़ाया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिम्मेदारी के बिना स्वतंत्रता, स्वतंत्रता नहीं बल्कि उसका दुरुपयोग है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे, जिनका डॉ. सिंह ने विस्तारपूर्वक समाधान दिया। अंत में वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक सुश्री मनीषा वर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
एमसीयू में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विशेष व्याख्यान, राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ भी मनाई गई
