सिवनी जिले में उजागर हुआ चौंकाने वाला घोटाला, रामकुमार को भी 19 बार मरा दिखाया – सालों तक सांप के काटने से मुआवजा लेते रहे भ्रष्ट तंत्र, 2019 से 2022 तक चला खेल
भोपाल/सिवनी।
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे ‘सांप घोटाला’ नाम दिया जा रहा है। यहाँ पर राज्य सरकार की सांप काटने से मृत्यु पर 4 लाख रुपये मुआवजे की योजना को भ्रष्ट अधिकारियों ने अवैध रूप से लूटने का जरिया बना लिया।
एक ही व्यक्ति 30 बार ‘सांप से मरा’ – फर्जीवाड़े का खुलासा
घोटाले का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा तब सामने आया जब रमेश नाम के व्यक्ति को अलग-अलग दस्तावेजों में 30 बार मृत दिखाया गया – और हर बार कारण एक ही बताया गया: सांप का काटना। इन सभी मामलों में अधिकारियों ने 4-4 लाख रुपये के मुआवजे की मंजूरी दिलवाई, जिससे कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये का गबन किया गया।
रामकुमार को भी 19 बार सरकारी रिकॉर्ड में मरा बताया गया
केवल रमेश ही नहीं, एक अन्य शख्स रामकुमार को भी सरकारी रिकॉर्ड में 19 बार मृत दिखाया गया – हर बार सांप के काटने की वजह बताकर मुआवजा निकाला गया। यह पूरा फर्जीवाड़ा 2019 से शुरू होकर 2022 तक चला, यानी कमलनाथ सरकार से लेकर शिवराज सिंह चौहान सरकार तक यह भ्रष्टाचार चलता रहा।
कैसे होता था घोटाला?
जांच में सामने आया है कि पंचायत सचिव, पटवारी और स्थानीय प्रशासन के कुछ कर्मचारियों ने आपसी साठगांठ से मृत्यु प्रमाण पत्र, पंचनामा और मुआवजा आवेदन पत्र तैयार किए। जिन व्यक्तियों को मृत दिखाया गया, वे आज भी जीवित हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।
घोटाले की जांच और राजनीतिक घमासान
इस घोटाले को लेकर अब मध्यप्रदेश की राजनीति में घमासान मचा है। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि कमलनाथ सरकार के समय शुरू हुआ यह घोटाला शिवराज सरकार में भी बेरोकटोक चलता रहा, जो दर्शाता है कि सरकारी निगरानी और जवाबदेही दोनों ही नाकाम साबित हुई हैं।
जनता के टैक्स के पैसों की लूट
यह मामला केवल भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि जनता के टैक्स के पैसे की खुली लूट है। जहां असली पीड़ितों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, वहीं फर्जी दस्तावेजों के सहारे करोड़ों की ठगी कर ली गई।
मध्यप्रदेश में ‘सांप घोटाला’: एक ही व्यक्ति को 30 बार दिखाया गया सांप के काटने से मृत, 1.20 करोड़ रुपये का मुआवजा हड़प गए भ्रष्ट अधिकारी
