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प्रधानमंत्री मोदी के मिशन पर भ्रष्टाचार का साया: बकावंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की हालत दयनीय

बकावंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा “न खाऊंगा, न खाने दूंगा” देश भर में उनकी ईमानदारी और सुशासन का प्रतीक बन चुका है। हालांकि, बकावंड विकासखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किए गए सड़क निर्माण कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही का शिकार हो गए हैं, जो मोदी के मिशन को कमजोर कर रहे हैं।

सड़क निर्माण की योजना के तहत, बकावंड के खासपारा भेजरीपदर से खासपारा बेलगांव तक 20.07 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 2021-22 में ठेकेदार एसके अरोरा द्वारा किया गया था। इस कार्य के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जबकि योजना के कार्यपालन अभियंता डीपी भूआर्य रहे। सड़क की गारंटी अवधि पांच वर्ष बताई गई थी, लेकिन तीन साल के भीतर ही सड़क की स्थिति बद से बदतर हो गई है।

आज सड़क की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि ऊपर बिछाई गई तारकोल और बजरी गिट्टी की परत गायब हो चुकी है। सड़क पर जानलेवा गड्ढे उभर आए हैं, और पक्की सड़क की बजाय अब यह कच्ची सड़क से भी बदतर हो गई है। दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, और सड़क पर यात्रा करना खतरनाक हो गया है।

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों और ठेकेदार ने सड़क निर्माण के नाम पर केवल खानापूर्ति की है। निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया और गारंटी अवधि से पहले ही सड़क की हालत खराब हो गई है। निर्माण की शर्तों के अनुसार, ठेकेदार को सड़क के रखरखाव, मरम्मत, और अन्य कार्यों की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन ठेकेदार ने इनमें से कोई भी काम पूरा नहीं किया।

इसके अलावा, सड़क किनारे की नालियों का निर्माण भी ठेकेदार ने नहीं किया, जिससे सड़क की मरम्मत की जिम्मेदारी भी पूरी नहीं हुई। बकावंड से जगदलपुर तक जाने वाली सड़क के राजामुंडा से तारापुर तक के हिस्से की स्थिति बहुत ही खराब हो गई है, और बरसात के मौसम ने समस्याओं को और बढ़ा दिया है। सड़क पर गड्ढों की भरमार है, और लोग भगवान भरोसे ही यात्रा कर रहे हैं।

यह स्थिति यह सवाल उठाती है कि संबंधित अधिकारी और ठेकेदार इस सड़क की मरम्मत और रखरखाव के प्रति क्यों उदासीन हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन के मिशन की धज्जियां उड़ाते हुए यह भ्रष्टाचार का मामला तत्काल सुधार की मांग करता है।

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