मंदसौर: उप पंजीयक सहकारीता कार्यालय पर गंभीर आरोप, उच्च ब्याज दरों और अवैध वसूली पर नहीं हो रही कार्यवाही
मंदसौर । जिले में सहकारीता विभाग से पंजीकृत सोसायटी और बैंकों द्वारा 18 से 25% ब्याज दर वसूलने के मामले में उप पंजीयक सहकारीता कार्यालय और उसके अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। निवर्तमान कलेक्टर श्री गौतम सिंह द्वारा 17 फरवरी 2022 को जारी शिकायत क्रमांक 29/शिकायत/2022/मंदसौर में उप पंजीयक सहकारी संस्थाओं को अवैध वसूली और बिना लाइसेंस के ब्याज का व्यवसाय करने वाली संस्थाओं पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
मंदसौर के अधिवक्ता बताते हैं कि उप पंजीयक कार्यालय के सामने ही संचालित संस्थाओं के चार हजार से अधिक चेक के मामले मंदसौर न्यायालय में लंबित हैं। एक उदाहरण में, तीस हजार का समूह लोन लेने वाली महिला का तीन लाख का चेक सिद्धिविनायक सोसायटी के संचालक ने न्यायालय में लगाया है। रतलाम, नीमच और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में इतनी ऊंची ब्याज दर नहीं ली जाती है। मंदसौर के निष्क्रिय उप पंजीयक विभाग अधिकारियों के कारण आने वाले समय में ऋण के चक्रवर्ती ब्याज और चेक मामलों से प्रताड़ित लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकते हैं।
उप पंजीयक सहकारी संस्था के प्रशासकों पर 50 से अधिक मार्केटिंग सोसायटी के चार्ज हैं, जिनमें से कई विवादित हैं। हाल ही में एक फर्जी पशु ऋण का मामला भी सामने आया है। कई जगह बीमा, बिना भूमि या सरकारी भूमि पर ऋण जैसे मामलों में भी अनियमितताएं पाई गई हैं।
सिद्धिविनायक सोसायटी के संचालक नितिन लालवानी पर आरोप है कि उन्होंने दस लाख के लोन पर 24 महीने में 18 लाख वसूल कर लिए और अब तीन लाख का चेक लगाकर ब्लैकमेल कर रहे हैं। यह आरोप कन्हैयालाल पिता शोभाराम विश्वकर्मा ने लगाए हैं, जो अपने साथ हुई लूट का इंसाफ मांगने के लिए दर-दर भटक रहे हैं और जल्द ही भोपाल पहुंचने वाले हैं। कन्हैयालाल के गारंटर की पांच लाख की एफडी काटने और गरीब किसान से जमीन की रजिस्ट्री करवाने के मामले में भी आरोपियों की संलिप्तता मानी जा रही है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या उप पंजीयक सहकारीता कार्यालय और उसके अधिकारी इन आरोपों पर कोई कार्यवाही करेंगे? जनता को न्याय दिलाने और अवैध वसूली रोकने के लिए त्वरित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।