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उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर उठे सवाल: अंबेडकर प्रतिमा के पास खेल रहे 10 वर्षीय जुड़वां बच्चों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश । उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में दो 10 वर्षीय जुड़वां बच्चों को डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास खेलने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को स्तब्ध कर दिया है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर भारी विरोध देखने को मिल रहा है।

जानकारी के अनुसार, ये दोनों मासूम बच्चे प्रतिमा के पास केवल खेल रहे थे और किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ या अनादर का कोई प्रमाण सामने नहीं आया है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस द्वारा उन पर कार्रवाई की गई, जिसे नागरिकों और मानवाधिकार संगठनों ने ‘अनावश्यक और अमानवीय’ बताया है।

भाजपा सरकार पर लग रहे आरोप

विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ता में आई है, तब से आम नागरिकों के अधिकारों का हनन बढ़ा है। बच्चों की गिरफ्तारी जैसी घटनाएं राज्य में बढ़ती संवेदनहीनता और कठोर प्रशासनिक रवैये का प्रतीक बन चुकी हैं।

सोशल मीडिया पर विरोध

घटना के सामने आने के बाद ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #UPPolice और #SaveOurChildren जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। लोग राज्य सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि क्या अब बच्चों का खेलना भी अपराध बन चुका है।

मानवाधिकार संगठनों की मांग

कई मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए बच्चों की रिहाई और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अंबेडकर प्रतिमा के पास सुरक्षा और सम्मान की आड़ में अत्यधिक पुलिस बल प्रयोग पर भी सवाल उठाए हैं।

यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक संवेदनशीलता को लेकर एक गंभीर बहस को जन्म दे रही है। भाजपा सरकार को इस विषय में स्पष्ट जवाब देना होगा कि मासूम बच्चों को अपराधी जैसा व्यवहार क्यों झेलना पड़ा।

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