
फाइब्रोमायल्जिया रोग में योग से मिला बेहतर उपचारिक लाभ
भोपाल । एम्स भोपाल अपने नवाचारपूर्ण शोध कार्यों और सामाजिक उपयोगिता वाले अध्ययनों के माध्यम से चिकित्सा विज्ञान को नई दिशा देने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। इसी क्रम में एम्स भोपाल के फिज़ियोलॉजी विभाग की प्रो. डॉ. रूची सिंह ने लंदन में आयोजित इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ पेन एंड न्यूरोसाइंसेज़ सम्मेलन में अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर संस्थान और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया। डॉ. सिंह का यह शोध फाइब्रोमायल्जिया पर आधारित था, एक ऐसी जटिल स्वास्थ्य समस्या जिसमें व्यक्ति को पूरे शरीर में दर्द, अत्यधिक थकान, नींद की कमी, मूड अस्थिरता और सोचने-समझने की क्षमता में कमी जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति रोगियों के जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव डालती है।
अध्ययन में भोपाल और आसपास के क्षेत्रों के 100 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इन्हें दो समूहों में बाँटकर संरचित योग अभ्यास और विशेष एरोबिक व्यायाम कराए गए। परिणामों से पता चला कि दोनों विधियों से रोगियों के दर्द, नींद की गुणवत्ता, मूड और शरीर से जुड़े लक्षणों में सुधार हुआ, जबकि योग अभ्यास ने दर्द की तीव्रता में अधिक प्रभावशाली सुधार प्रदर्शित किया। डॉ. रूची सिंह के इस अध्ययन को अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने अत्यधिक सराहा, जबकि यह शोध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST), नई दिल्ली द्वारा वित्त-पोषित था, जो इसकी वैज्ञानिक विश्वसनीयता को प्रमाणित करता है।



