भोपाल । उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के व्यापक अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उन्होंने विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि फरवरी 2026 तक योजना के सभी लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए और इसकी सतत निगरानी की जाए।
मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी गतिविधियाँ गाँवों से लेकर शहरों तक फैली हैं और इन उत्पादों के संवर्द्धन एवं विपणन पर निरंतर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बड़े शहरों के आसपास सब्जी एवं फूल उत्पादन के क्लस्टर विकसित करने और शहरी क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनियों व मेलों के आयोजन के निर्देश दिए। साथ ही, किसानों को वितरित की जा रही सामग्री का भौतिक सत्यापन कराने के भी आदेश दिए।
आयुक्त अरविन्द दुबे ने बताया कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 2.43 लाख हेक्टेयर बढ़ा है और 36 लाख मीट्रिक टन उत्पादन में वृद्धि हुई है। संरक्षित खेती में 1573 हेक्टेयर का विस्तार हुआ है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मुरैना (आलू), छिंदवाड़ा (नींबू वर्गीय), और हरदा (आम व सब्जी) विकसित किए जा रहे हैं।
PMFME योजना के तहत चालू वित्त वर्ष 2025-26 में 3113 सूक्ष्म उद्यमियों को 108 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है।
एमपी एग्रो के प्रबंध संचालक ने बताया कि संस्था का व्यापार 47 करोड़ से बढ़कर 386 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना एक महत्वाकांक्षी पहल : मंत्री नारायण सिंह कुशवाह
