तेरे मेरे सपने विषय पर एक दिवसीय जागरूकता संवाद कार्यक्रम आयोजित
भोपाल। बदलते सामाजिक परिवेश में बढ़ती पारिवारिक टूटन, देर से होती शादियाँ, वैवाहिक तनाव, घरेलू विवाद और तलाक के मामलों ने समाज एवं न्यायपालिका दोनों पर बड़ा दबाव बनाया है। इसी पृष्ठभूमि में विंध्य शिक्षा प्रचार समिति और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्री-मैरिज काउंसलिंग यानी विवाह पूर्व परामर्श केंद्र अभियान की शुरुआत की गई है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं और परिवारों को जागरूक कर संतुलित एवं सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तैयार करना है। इसी श्रृंखला में ईदगाह हिल्स स्थित सिंधी कॉलोनी कम्युनिटी हॉल में “तेरे मेरे सपने” नामक जागरूकता संवाद कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और युवतियाँ शामिल हुईं। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. आर. एच. लता ने कहा कि विवाह केवल सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक साझेदारी है। समझ, संवाद और संवेदनशीलता इसके सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं। विवाह पूर्व परामर्श युवाओं को इन्हीं मूलभूत पहलुओं के प्रति तैयार करता है।
अतिथि वक्ताओं डॉली शर्मा, प्रो. अनुपमा और अर्चना जोधवानी ने सोशल मीडिया, करियर दबाव और बदलती पारिवारिक संरचना से रिश्तों पर पड़ने वाले प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्री-मैरिज काउंसलिंग युवा दंपतियों को परिपक्व दृष्टिकोण और सही दिशा प्रदान करती है। कार्यक्रम में महिलाओं ने वैवाहिक चुनौतियों, कानूनी अधिकारों, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद पर खुले सवाल पूछे। यह संवाद उनके लिए अत्यंत उपयोगी रहा। कार्यक्रम का संदेश स्पष्ट था—यदि विवाह से पहले ही सही मार्गदर्शन मिले, तो समाज में वैवाहिक विसंगतियाँ कम होंगी और न्यायपालिका पर भार भी घटेगा। यह पहल एक सशक्त और जागरूक समाज निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
विवाह पूर्व परामर्श से मजबूत होंगे रिश्ते, समाज में घटेगी विसंगतियां : डॉ. लता
