
भोपाल / भिंड, । पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहे रेत और मिट्टी के अवैध कारोबार को लेकर सरकार, प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खदान माफिया न सिर्फ खेतों की मिट्टी और कोपरा (कॉपर) बिना अनुमति के बेच रहे हैं, बल्कि उन्हें खनिज विभाग और राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है।
खेती के नाम पर माफियाओं की कमाई: बिना अनुमति की खुदाई
डॉ. गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि जिन खेतों में फसल नहीं होती, वहां अवैध रूप से खुदाई कर मिट्टी और कोपरा बेचा जा रहा है, और खनिज विभाग के अधिकारी मौन स्वीकृति देकर इन अवैध गतिविधियों को समर्थन दे रहे हैं। सरकार ने इस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
लहार क्षेत्र में पुलिस संरक्षण में रेत माफिया सक्रिय
डॉ. सिंह ने विशेष तौर पर भिंड जिले के लहार क्षेत्र का उल्लेख किया, जहां पुलिस संरक्षण में गिरवासा और मटियावली रेत खदानों से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर रेत भरकर बाजारों में ₹12,000 से ₹15,000 प्रति ट्राली की दर से बेची जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस सब कुछ जानकर भी रेत माफियाओं पर कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि उन्हें संरक्षण दे रही है।
सूरज ढलते ही सक्रिय होता है रेत माफिया नेटवर्क
रिपोर्ट के अनुसार, हर शाम श्यामपुरा और बरहा रोड पर सैकड़ों ट्रैक्टर और बड़े डंपर रेत से लदे दौड़ते नजर आते हैं। इन वाहनों के ज़रिए रेत को उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में ऊँचे दामों पर बेचा जाता है। जबकि भिंड जिले की सभी रेत खदानें पिछले डेढ़ साल से बंद हैं, और शासन द्वारा किसी को भी वैध खनन की अनुमति नहीं दी गई है।
सरकारी राजस्व को भारी नुकसान
रेत माफियाओं द्वारा खुलेआम किए जा रहे इस अवैध उत्खनन से राज्य शासन को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है। यह पूरे खनन तंत्र, खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन की विफलता और मिलीभगत को दर्शाता है।
कांग्रेस ने दी जन आंदोलन की चेतावनी
डॉ. गोविंद सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि अवैध रेत खनन और पुलिस संरक्षण पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस पार्टी एक बड़ा जन आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि जनता को लूटने वाले माफियाओं को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है और यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक संकेत हैं।