परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा
-सोनोग्राफी-एक्सरे की रिपोर्ट बीमारी से मैच नहीं
जगदलपुर(एल । जिले के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही से मरीज की मौत का मामला सामने आया है। श्री बालाजी केयर अस्पताल में मरीज को घुटने में अचानक दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उसके किडनी में सूजन और पेट में फूलने की बात कही थी। लेकिन लगातार इलाज के बावजूद मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और अंत में उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। वहीं प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल को सील कर दिया है और मामले में जांच जारी है। जानकारी के अनुसार, बीजापुर के माट्वाडा निवासी रामपाल यादव के घुटने में अचानक दर्द हुआ, जिसका इलाज करवाने परिजनों ने जगदलपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल श्री बालाजी केयर पहुंचे। जहां डॉक्टरों द्वारा उनकी जांच शुरू की गई। जांच के बाद डॉक्टरों ने मरीज की किडनी में सूजन बताया और लगातार पेट फूलना बताया। 23 अगस्त से भर्ती मरीज को हॉस्पिटल द्वारा की जा रही उपचार से कोई भी राहत नहीं मिल रहा था। इसके अलावा भर्ती मरीज से उनके परिजनों को मिलने तक नहीं दिया जा रहा था और उन्हें आईसीयू में भर्ती होने का हवाला देकर मिलने तक नहीं दिया जा रहा था। परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से गुहार लगाई की अगर आप इलाज नहीं कर पा रहे है तो मरीज को रिलीज करें ताकि हम दूसरी जगह बेहतर इलाज करवा सकें। लेकिन बालाजी केयर के डॉक्टर अपने तरीके से इलाज करते रहे और परिजनों से मोटी रकम वसूलते रहे। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने इस कदर इलाज किया की गुरुवार सुबह 9 बजे मरीज तड़पते हुए अपनी जान गवा दी। परिजनों ने मृत्यु के बाद हॉस्पिटल के सामने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद शहर के समाज सेवी भी मौके पर पहुंचे और इस घटना की जानकारी प्रशासन को दी। मौके पर पहुंचे सीएचएमओ, तहसीलदार और पुलिस के अमलो ने अपने स्तर पर जांच करनी शुरू की। जांच के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा दी गई सारी जानकारियां मरीज के रिपोर्ट से मैच नहीं हो रही थी। हॉस्पिटल प्रबंधक ने मरीज की जान ऑब्स्ट्रक्शन की वजह से गई है। लेकिन सोनोग्राफी एक्सरे की रिपोर्ट इस बीमारी से मैच नहीं हो रही। जिसके बाद सीएचएमओ ने बॉडी को पोस्टमार्डम के लिए डिमरपाल मेडिकल कॉलेज भेजा और पोस्टमोर्डम को वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही जब तक जांच की रिपोर्ट सामने नहीं आ जाति तब तक श्री बालाजी केयर हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पैर की समस्या को नजरअंदाज कर उन्हें गुमराह किया, जिसके कारण रामपाल यादव की जान गई। परिजनों ने बालाजी हॉस्पिटल प्रबंधन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उचित मुआवजे की मांग की है। मृतक रामपाल यादव अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य थे और उनके बच्चों के भविष्य की चिंता अब परिजनों को सता रही है।