प्रदेश में अभियोजन अधिकारियों की राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन: नई दाण्डिक विधियों की चुनौतियों पर मंथन
भोपाल। प्रदेश के सभी उपसंचालक अभियोजन (डीडीपी) और जिला अभियोजन अधिकारियों (डीपीओ) के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन भोपाल के होटल पलाश में किया गया। यह कार्यशाला लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल के तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें नई दाण्डिक विधियों के प्रभाव, उपयोगिता और चुनौतियों पर चर्चा हुई।
नई दाण्डिक विधियों की चर्चा
1 जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 जैसे नए कानूनों की प्रभावी समझ और क्रियान्वयन पर जोर देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर संचालक लोक अभियोजन बी.एल. प्रजापति ने अभियोजन अधिकारियों को सशक्त अभियोजन संचालन, पीड़ितों को त्वरित न्याय, और साक्षी संरक्षण योजना पर मार्गदर्शन दिया।
मुख्य अतिथियों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनिल किशोर यादव, संचालक केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, ने भारतीय न्याय संहिता 2023 पर विस्तृत जानकारी साझा की।
विशेष जिला न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) भोपाल स्वयंप्रकाश दुबे ने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और न्यायालय में उसके प्रस्तुतीकरण की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
विशेष जिला न्यायाधीश (एसटीएफ) भोपाल अतुल सक्सेना ने जांच, अनुसंधान और विचारण के नए प्रावधानों के साथ अभियोजन अधिकारियों को समसामयिक समस्याओं और उनके समाधान पर मार्गदर्शित किया।
अभियोजन अधिकारियों के लिए मूलभूत सुविधाओं पर जोर
संचालक लोक अभियोजन बी.एल. प्रजापति ने कहा कि अभियोजन अधिकारियों को मूलभूत सुविधाएं जैसे कार्यालय, बैठक व्यवस्था, महिला अधिकारियों के लिए प्रसाधन, और नवीन दाण्डिक विधियों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर काम करने के लिए लैपटॉप की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि शासन स्तर पर समन्वय स्थापित कर इन आवश्यक सुविधाओं को शीघ्र उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यशाला की प्रमुख उपस्थितियां
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक रामेश्वर प्रसाद कुमरे, राजेंद्र उपाध्याय, डीपीओ ईओडब्ल्यू सीमा अग्रवाल, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी जैसे संतोष मिश्रा, टी.पी. गौतम, उदयभान रघुवंशी, और शैलेन्द्र सिरौठिया प्रमुख रूप से शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन सुधा विजय भदौरिया और आकित अहमद खान ने संयुक्त रूप से किया।