भोपाल रेलवे स्टेशन पर वृद्ध महिला को मिली त्वरित चिकित्सा सहायता, रेलकर्मियों की सतर्कता से बची जान

भोपाल। भारतीय रेलवे की यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण भोपाल रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला। सोमवार रात लगभग 9:15 बजे स्टेशन के नए भवन के सामने 65 वर्षीय एक वृद्ध महिला बेहोशी की हालत में पाई गईं। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने स्थिति को गंभीर मानते हुए तत्काल रेल प्रशासन को सूचित किया।

रेलकर्मियों की तत्परता ने बचाई जान
सूचना मिलते ही उप स्टेशन अधीक्षक (वाणिज्य) श्री आनंद कृष्ण मिश्रा ने प्लेटफॉर्म नंबर एक पर स्थित एमरजेंसी मेडिकल रूम के डॉ. नूर हसन से संपर्क किया। दोनों तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में महिला को तेज बुखार और बेहोशी की हालत में पाया गया।

डॉ. नूर हसन महिला की नब्ज की जांच कर ही रहे थे कि उसी दौरान एम्बुलेंस सेवा (108) को बुलाया गया। लगभग 9:35 बजे एम्बुलेंस स्टेशन पहुंची और यात्रियों तथा सफाई कर्मचारियों की मदद से महिला को सुरक्षित उसमें स्थानांतरित किया गया।

CPR देकर बचाई जान, हमीदिया अस्पताल भेजा गया
एम्बुलेंस में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं की मदद से डॉ. नूर हसन ने महिला को तत्काल CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। महिला की हालत में कुछ सुधार आते ही उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां अब उनका इलाज चल रहा है।

रेल प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सराहना करते हुए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने कहा,

> “भोपाल मंडल यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और आपातकालीन सेवा प्रदान करने में पूरी तरह समर्पित है। इमरजेंसी मेडिकल रूम, प्रशिक्षित डॉक्टरों की मौजूदगी और 24×7 एम्बुलेंस सेवा यात्रियों को आवश्यक समय पर जीवनरक्षक सहायता प्रदान करने में सक्षम है।”



रेलवे बना सुरक्षा और संवेदनशीलता का प्रतीक
भोपाल रेलवे स्टेशन पर हुई इस मानवीय पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारतीय रेलवे केवल यात्रा का माध्यम नहीं, बल्कि ज़रूरत के समय एक जीवन रक्षक प्रणाली भी है। रेलवे कर्मचारियों की संवेदनशीलता, त्वरित निर्णय और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता ने एक अनमोल जीवन को बचा लिया।

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