भोपाल की एक लाख से अधिक आबादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित: मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक में डॉक्टर तक नहीं, कलेक्टर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग

भोपाल, । राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र के चाणक्यपुरी में स्थापित मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक इन दिनों अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया है। क्षेत्र की एक लाख से अधिक जनसंख्या को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए खोला गया यह क्लीनिक, इस समय डॉक्टर विहीन स्थिति में है।
आउटसोर्स स्टाफ के भरोसे चल रहा क्लीनिक
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि इस क्लीनिक में वर्तमान में कोई भी नियमित डॉक्टर पदस्थ नहीं है, केवल एक आउटसोर्स महिला कर्मचारी ही मौजूद रहती हैं। ऐसे में बिना डॉक्टर के इलाज संभव नहीं है और मरीजों को मजबूरन निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के लिए संभव नहीं।
भोपाल कलेक्टर से की गई डॉक्टर की पदस्थापना की मांग
स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने भोपाल कलेक्टर से अनुरोध किया है कि चाणक्यपुरी ऐशबाग स्थित संजीवनी क्लीनिक में तत्काल डॉक्टर एवं आवश्यक स्टाफ की पदस्थापना की जाए। इसके अतिरिक्त, क्लीनिक में बेड (पलंग) और प्राथमिक उपचार उपकरण उपलब्ध कराने की भी मांग की गई है ताकि मामूली गंभीर मरीजों को वहीं पर भर्ती कर उपचार मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं में हो रहा है समझौता
ऐशबाग क्षेत्र पहले से ही घनी आबादी वाला क्षेत्र है जहाँ कई गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवार रहते हैं। संजीवनी क्लीनिक की स्थापना इसी उद्देश्य से की गई थी कि आम जनता को निःशुल्क एवं सुलभ प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मिल सके। परंतु डॉक्टर की अनुपलब्धता के कारण यह उद्देश्य पूरी तरह विफल होता दिख रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने जताई नाराजगी
क्लीनिक की अव्यवस्था को लेकर नागरिकों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि सरकार एक ओर मुख्यमंत्री संजीवनी योजना के तहत जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की बात कर रही है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है।