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MIT-WPU ने भारत की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बैटरी रिसर्च फैसिलिटी का शुभारंभ किया, लिथियम-आयन और सोडियम-आयन टेक्नोलॉजी पर होगा शोध

पुणे, । भारत की अग्रणी निजी विश्वविद्यालयों में से एक, MIT वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी (MIT-WPU) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए देश की पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी बैटरी रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया है। यह अत्याधुनिक सुविधा लिथियम-आयन (Li-ion) और सोडियम-आयन (Na-ion) बैटरी टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है और इसे आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया, तथा स्वच्छ ऊर्जा मिशन के अनुरूप स्थापित किया गया है।


बैटरी टेक्नोलॉजी के लिए एंड-टू-एंड सॉल्यूशन

यह रिसर्च फैसिलिटी बैटरी विकास की पूरी श्रृंखला को कवर करती है, जिसमें शामिल हैं:

एक्टिव मटेरियल का सिंथेसिस

कॉइन सेल फेब्रिकेशन

इलेक्ट्रोकेमिकल परफॉर्मेंस का मूल्यांकन

सॉलिड स्टेट इलेक्ट्रोलाइट्स (SSEs) का विकास

ग्लास-पॉलीमर कंपोजिट और पेपर बैटरी टेक्नोलॉजी पर शोध


MIT-WPU की रिसर्च टीम उच्च ऊर्जा घनता (energy density), बेहतर साइकिलिंग स्थिरता, और ऑपरेशनल सेफ्टी जैसे प्रमुख मानकों को ध्यान में रखते हुए एडवांस्ड इलेक्ट्रोड मटेरियल्स पर काम कर रही है।

इनोवेशन और इंडस्ट्री-कनेक्ट का संगम

इस फैसिलिटी का उद्देश्य केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंडस्ट्री-एकेडेमिया कोलैबोरेशन को भी मजबूती प्रदान करता है। यहां विकसित तकनीकों को बैटरी निर्माण उद्योग के लिए उच्च गुणवत्ता वाला कच्चा माल उपलब्ध कराने में इस्तेमाल किया जाएगा। आने वाले समय में यहां सिलैंडरिकल और प्रिजमेटिक सेल्स के निर्माण की सुविधा भी जोड़ी जाएगी।

MIT-WPU का सहयोगी दृष्टिकोण और वैश्विक दृष्टि

MIT-WPU के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मैटेरियल्स साइंस के निदेशक प्रोफेसर डॉ. भरत काले ने बताया कि “यह फैसिलिटी भारत में स्थायी ऊर्जा तकनीकों की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। हमारी टीम लिथियम-सल्फर बैटरियों, सॉलिड स्टेट इलेक्ट्रोलाइट्स, और पेपर बैटरी जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों पर भी काम कर रही है। हमारा उद्देश्य भारत को बैटरी तकनीक में वैश्विक नेतृत्व दिलाना है।” यह परियोजना MID स्वीडन के साथ संयुक्त शोध प्रयास का भी हिस्सा है, जिसमें पेपर बैटरियों जैसे नवीन नवाचारों पर काम हो रहा है।

छात्रों के लिए शोध और प्रशिक्षण के अवसर

यह अत्याधुनिक बैटरी फैसिलिटी न केवल उद्योग के लिए उपयोगी है, बल्कि यह इंजीनियरिंग, साइंस और पीएच.डी. छात्रों के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और उच्चस्तरीय अनुसंधान का मंच भी है। इससे भारत में बैटरी टेक्नोलॉजी के स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को नई दिशा मिल सकती है।

MIT-WPU के एग्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट डॉ. राहुल कराड ने इस पहल को शिक्षा और नवाचार के एकीकरण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस फैसिलिटी के माध्यम से छात्र स्वच्छ ऊर्जा समाधान के लिए तैयार होंगे, जिससे भारत का ग्रीन एनर्जी भविष्य और सशक्त हो सकेगा।

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