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मिलर्स की हड़ताल खत्म: प्रदेश में धान उपार्जन प्रक्रिया फिर शुरू

भोपाल। मध्य प्रदेश के राइस मिलर्स ने अपनी लंबित अपग्रेडेशन राशि और अन्य मांगों को लेकर जारी हड़ताल समाप्त कर दी है। यह निर्णय शनिवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विशेष प्रयासों और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आश्वासन के बाद लिया गया। हड़ताल खत्म होने के बाद अब प्रदेश के मिलर्स रविवार से पोर्टल पर पंजीयन कर धान उपार्जन प्रक्रिया में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप और खाद्य मंत्री की पहल

शनिवार को खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मिलर्स की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने 233 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने और अन्य लंबित मांगों के निराकरण का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद खाद्य मंत्री ने मुख्य सचिव अनुराग जैन और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव से भी चर्चा की। इसके परिणामस्वरूप आगामी कैबिनेट बैठक में मिलर्स की अपग्रेडेशन राशि का प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए गए।

बैठक में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय

भोपाल में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निवास पर आयोजित बैठक में म.प्र. चावल उद्योग महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल, महासंघ के पदाधिकारी, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक पी.एन. यादव, और खाद्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
मिलर्स की समस्याओं के समाधान के लिए हुई इस बैठक के बाद चावल महासंघ के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने घोषणा की कि सभी मिलर्स किसानों के हित में धान उपार्जन प्रक्रिया में तुरंत शामिल होंगे।

खाद्य मंत्री का बयान

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा,
“सरकार किसानों और मिलर्स दोनों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने मिलर्स के लिए 233 करोड़ रुपये की राशि जारी की है और शेष बकाया राशि भी जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री और अधिकारियों के त्वरित सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि मिलर्स की अन्य समस्याओं को भी प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।

चावल महासंघ का समर्थन

चावल महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने कहा,
“खाद्य मंत्री के विशेष प्रयासों और मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हमने हड़ताल समाप्त कर दी है। हमें उम्मीद है कि सरकार मिलर्स की अन्य समस्याओं का भी जल्द समाधान करेगी।”

असर

मिलर्स की हड़ताल खत्म होने से प्रदेश में धान उपार्जन की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह निर्णय किसानों और मिलर्स दोनों के लिए राहत लेकर आया है।

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