भिंड-ग्वालियर हाईवे सिक्स लेन बनाने की मांग पर जन आंदोलन, संत समाज और सर्व समाज की एकजुटता
भिंड, । भिंड-ग्वालियर हाईवे को सिक्स लेन बनाने और गौ अभ्यारण्य के लिए जगह निर्धारित करने की मांग को लेकर साधु-संतों, समाजसेवी संस्थाओं, रिटायर्ड फौजी संघ, और सर्व समाज ने मिलकर विशाल जन आंदोलन किया। इस आंदोलन के जरिए हाईवे पर हो रहे दुर्घटनाओं को रोकने की गुहार लगाई गई, जहां आए दिन नौजवानों और गायों की जानें जा रही हैं। इस आंदोलन ने जिले में लोगों के दिलों को छू लिया और इसे व्यापक समर्थन मिला।
गौरतलब है कि भिंड-ग्वालियर हाईवे पर दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके कारण न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पशुओं की भी जान खतरे में है। जनप्रतिनिधियों की चुप्पी के बीच साधु-संतों और सामाजिक संगठनों ने आगे आकर इस गंभीर समस्या पर आवाज उठाई। इस दौरान सभी ने एक सुर में कहा, “ग्वालियर-भिंड हाईवे को सिक्स लेन बनाया जाए और गौमाता की रक्षा के लिए गौ अभ्यारण्य की स्थापना की जाए।”
जनता की आवाज और आंदोलन का असर
इस आंदोलन में जिले के सभी वर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इसे सराहा। प्रदर्शन में शामिल संत समाज और समाजसेवी संस्थाओं ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जनता की आवाज को सुनें और हाईवे की स्थिति को सुधारें। आंदोलन में शामिल लोगों ने बताया कि यदि जल्द ही सिक्स लेन की व्यवस्था नहीं की गई तो भविष्य में बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
आंदोलन के प्रमुख वक्ता पुखराज भटेले ने कहा, “जनता की इस पीड़ा को समझते हुए संत समाज, समाजसेवी संस्था, और सर्व समाज ने आवाज उठाई है। हम पूरे जिले की जनता की ओर से इस आंदोलन में भाग लेने वालों का आभार व्यक्त करते हैं। युवा पीढ़ी को भी इस आंदोलन से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश, धर्म, और समाज के हित की बात रखने के लिए एकजुट रहना चाहिए।”
हाईवे को सिक्स लेन बनाने की आवश्यकता क्यों?
भिंड-ग्वालियर हाईवे पर यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे सड़क हादसे आम हो गए हैं। सिक्स लेन बनने से:
1. दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
2. यातायात व्यवस्था सुचारू होगी।
3. गौमाता और राहगीरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
4. हाईवे पर बढ़ते वाहनों के दबाव से छुटकारा मिलेगा।
गौ अभ्यारण्य की मांग
आंदोलनकारियों ने यह भी मांग उठाई कि गौमाता की सुरक्षा के लिए गौ अभ्यारण्य की स्थापना की जाए। इससे आवारा घूम रही गायों की सुरक्षा होगी और वे दुर्घटनाओं से बच सकेंगी।
संत समाज की भूमिका
इस आंदोलन में संत समाज की विशेष भूमिका रही। साधु-संतों ने जनता के बीच जाकर जनजागरण किया और उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी आवाज उठाते रहेंगे।
आगे की योजना
हाईवे संघर्ष समिति, भिंड के सदस्यों ने कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे जिला स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसे राज्यव्यापी आंदोलन का रूप देंगे।
संघर्ष समिति के सदस्य पुखराज भटेले ने यह भी कहा, “यह आंदोलन केवल सड़क या गौमाता की सुरक्षा का नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के हित की बात है।