डिजिटल युग में तकनीक का सदुपयोग करें: प्रो. सुरेश
*स्टोरी टेलिंग में कथानक गढ़ना महत्वपूर्ण: दीपक शर्मा**
भोपाल: माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के माखनपुरम परिसर में “मीडिया वर्कशॉप फॉर टीचर्स” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद सभागार में किया गया, जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के. जी. सुरेश ने की।
प्रो. सुरेश ने उद्घाटन सत्र में कहा कि डिजिटल युग में सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया ने क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया है, लेकिन इसके साथ ही इस क्षेत्र में कोई प्रभावी नियमन नहीं है। उन्होंने सिटीजन जर्नलिज्म के पश्चिमी सिद्धांत को नकारते हुए कहा कि नागरिक संचारक हो सकता है, लेकिन नागरिक पत्रकार नहीं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जैसे डॉक्टर और वकील बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं और डिग्रियां अनिवार्य हैं, वैसे ही पत्रकारिता के लिए भी कुछ मानक होने चाहिए। प्रो. सुरेश ने यह भी कहा कि नकारात्मक आख्यान (नेरेटिव) का मुकाबला सकारात्मक आख्यान से किया जाना चाहिए। उन्होंने मिसइन्फॉर्मेशन और डिसइन्फॉर्मेशन के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि अज्ञानतावश गलत सूचना को साझा करना मिसइन्फॉर्मेशन है, जबकि जानबूझकर गलत सूचना फैलाना डिसइन्फॉर्मेशन है।
विषय विशेषज्ञ श्री दीपक शर्मा ने स्टोरी टेलिंग और नेरेटिव के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि स्टोरी टेलिंग कहानी कहने की कला है, जबकि कथानक वह है जो गढ़ा जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों के अखबार न पढ़ने की आदत पर चिंता जताई और बौद्धिकता के महत्व को रेखांकित किया।
इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के राजभाषा अधिकारी और प्रोड्यूसर डॉ. रामदीन त्यागी ने “मीडिया सहभागिता के लिए उपकरण और तकनीकें: विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म का अवलोकन” विषय पर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने सोशल मीडिया टूल्स के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर भी प्रकाश डाला।
कार्यशाला में एडजंक्ड प्रोफेसर श्री गिरीश उपाध्याय और प्रोड्यूसर डॉ. मनोज पटेल ने “हैंड्स ऑन प्रैक्टिस विथ मीडिया टूल्स” सत्र में प्रशिक्षण दिया। देशभर से आए शिक्षाविदों और अध्यापकों ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया, जिनमें श्री महेंद्र कपूर, प्रो. नारायण लाल गुप्ता, डॉ. दर्शन भारती, डॉ. योगेश गुप्ता, और श्री बसंत जिंदल शामिल थे।
कार्यशाला का संयोजन कार्यक्रम संयोजक श्री दीपक चौकसे ने किया, जबकि संचालन निदेशक प्रशिक्षण डॉ. जया सुरजानी द्वारा किया गया।