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मध्यप्रदेश बनेगा देश का अग्रणी राज्य वित्तीय प्रबंधन में: 16 लाख कर्मचारियों का डेटा होगा पेपरलेस और फेसलेस

भोपाल। मध्यप्रदेश वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वित्त विभाग ने एक आधुनिक और एकीकृत वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था (IFMIS) विकसित करने की योजना बनाई है। यह व्यवस्था आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) आधारित अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर पर आधारित होगी, जिससे प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।

16 लाख से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी होंगे लाभान्वित

इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से:

10.2 लाख सरकारी कर्मचारी

5.6 लाख पेंशनभोगी

5917 संवितरण कार्यालय

राज्य के संपूर्ण बजट और सभी विभागों के वित्तीय लेनदेन को डिजिटल रूप से प्रबंधित किया जाएगा।
इसके तहत प्रति वर्ष 3.5 करोड़ से अधिक वित्तीय ट्रांजेक्शन किए जाएंगे।


डिजिटल गवर्नेंस का आदर्श उदाहरण बनेगा मध्यप्रदेश

यह सॉफ्टवेयर पेपरलेस, कॉन्टैक्टलेस और फेसलेस होगा, जो उपयोगकर्ताओं के लिए यूजर-फ्रेंडली होगा। इस परियोजना का उद्देश्य वित्तीय डेटा के कुशल और सुरक्षित प्रबंधन के साथ-साथ डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त बनाना है।

नेक्स्ट जनरेशन सॉफ्टवेयर का विकास

मध्यप्रदेश सरकार ने नेक्स्ट जनरेशन आईएफएमआईएस (IFMIS Next and Gen) को लागू करने के लिए वैश्विक तकनीकी नवाचारों का उपयोग किया है। इस परियोजना में आईटी क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक टीम कार्यरत है, और अब तक 28 आईटी कंपनियों ने सॉफ्टवेयर विकास में अपनी रुचि दिखाई है।

प्रमुख सचिव और आयुक्त के विचार

प्रमुख सचिव वित्त, मनीष रस्तोगी ने आईटी कंपनियों को इस परियोजना में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया और अपने अनुभव व संसाधनों के माध्यम से प्रदेश को अधिकतम लाभ पहुंचाने का अनुरोध किया।
आयुक्त, कोष एवं लेखा, लोकेश कुमार जाटव ने इसे राज्य शासन की एक महत्वाकांक्षी परियोजना बताते हुए कहा कि यह देश में डिजिटल गवर्नेंस का आदर्श उदाहरण बनेगी।

मध्यप्रदेश के लिए नई दिशा

यह परियोजना न केवल वित्तीय प्रबंधन में दक्षता लाएगी बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश वित्तीय नवाचार और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में एक मिसाल कायम करेगा।

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