
भोपाल: मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में वनरक्षकों ने वेतन से अनुचित वसूली के विरोध में अनूठा प्रदर्शन किया। आज वनरक्षकों ने मुख्यमंत्री को खून से पोस्टकार्ड लिखकर वसूली आदेश को रद्द करने की मांग की। खून से पोस्टकार्ड लिखने वालों में नरेंद्र पयासी, अंजनी तिवारी, लव प्रकाश पाराशर, हरि सिंह गुर्जर, प्रेमलाल त्रिपाठी, राकेश वर्मा और नितिन गुप्ता सहित कई वनरक्षक शामिल थे।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि यदि विभाग की गलती से कर्मचारियों को अधिक वेतन दिया जाता है, तो उसकी वसूली कर्मचारियों के वेतन से नहीं की जा सकती। हाई कोर्ट ने भी इस मामले में आदेश जारी करते हुए वेतन से वसूली को गैरकानूनी करार दिया है।
अशोक पांडे ने कहा कि वन विभाग में वनरक्षक का पद सीधी भर्ती का होता है, लेकिन वित्त विभाग ने इसे पदोन्नति का पद मानकर वसूली के आदेश जारी किए हैं, जो कि कानूनी तौर पर गलत है। वनरक्षक 1900 ग्रेड पे और ₹5680 वेतन पाने के पात्र हैं, लेकिन गलत आदेशों के कारण प्रदेश के 14,000 वनरक्षकों पर वसूली का खतरा मंडरा रहा है।
कई जिलों में तो वन मंडलाधिकारियों ने वसूली के आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिससे वनरक्षकों में रोष है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पोस्टकार्ड में वनरक्षकों ने वसूली के आदेश को तत्काल रद्द करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
इस विरोध प्रदर्शन से प्रदेशभर में कर्मचारियों के बीच आक्रोश का माहौल है, और वेतन से हो रही अनुचित वसूली को लेकर सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।
