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मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच विधानसभा सत्र में रखेगा कर्मचारियों की मांगें

भोपाल: मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश के नियमित और अनियमित कर्मचारियों की प्रमुख मांगों को आगामी विधानसभा सत्र के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा। यह सत्र 1 जुलाई 2024 से शुरू हो रहा है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री के सामने संवाद और पत्राचार के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। इन मांगों में चार प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं एरियर का भुगतान, पदोन्नति प्रक्रिया की शुरुआत, अनुकंपा नियुक्ति नियमों का सरलीकरण, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने, दोहरी टैक्स प्रथा समाप्त करने, स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान, ग्रेजुटी राशि 10 लाख रुपए करने और अनियमित कर्मचारियों को आयुष्मान सुविधा का लाभ देने जैसी मांगें शामिल हैं।

अशोक पांडे ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार इन मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो कर्मचारी मंच आंदोलन का सहारा लेगा। कर्मचारी मंच की इस पहल का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार के समक्ष रखना और उनके हितों की रक्षा करना है।

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