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मुख्यमंत्री को पत्र: निजीकरण पर रोक लगाने की मांग

जबलपुर: जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने के स्वास्थ्य विभाग के नोटिफिकेशन पर विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया है। संगठनों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि इस नोटिफिकेशन पर कार्रवाई रोकी जाए। उनका कहना है कि इससे गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों का इलाज मुश्किल हो जाएगा, और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

इन संगठनों ने पहले भी घंटाघर के पास प्रदर्शन किया था और जिला प्रशासन के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर विरोध प्रकट किया था।

डॉ. पीजी नाजपांडे ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग ने 11 जुलाई 2024 को नोटिफिकेशन (एनआयटी नंबर 471/2/वायव्ही/डीएमई/2024) जारी कर 10 जिला अस्पतालों को निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की घोषणा की है। इन जिलों में कटनी, मुरैना, पन्ना, बालाघाट, भिंड, खरगौन, सीधी, टीकमगढ़ और बैतूल शामिल हैं। इन अस्पतालों में निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के माध्यम से पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।

संगठनों का कहना है कि यह कदम मानव अधिकारों का उल्लंघन है और इसलिए इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। इस अवसर पर डॉ. पीजी नाजपांडे, रजत भार्गव, एड वेदप्रकाश अधौलिया, टीके रायघटक, डीके सिंह, उमेश दुबे, जीपी विश्वकर्मा, सुभाष चंद्रा, सुशीला कनौजिया, पीएस राजपूत, डीआर लखेरा, संतोष श्रीवास्तव, एचजी विश्वकर्मा, सतीश राय, केसी सोनी, और राममिलन शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

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