
भोपाल: भारतीय रेलवे अपने अधोसंरचना निर्माण कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है। पश्चिम मध्य रेलवे में न्यू लाइन, दोहरीकरण, और तिहरीकरण जैसी परियोजनाओं पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में, कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा मालखेड़ी-महादेवखेड़ी रेलखंड का निरीक्षण किया गया और 110 किमी/घंटा की गति से स्पीड ट्रायल भी किया गया।
निरीक्षण की मुख्य बातें
05 जुलाई 2024 को मध्य वृत्त के रेल संरक्षा आयुक्त श्री मनोज अरोरा ने जबलपुर और भोपाल मंडलों के बीच स्थित मालखेड़ी-महादेवखेड़ी रेलखंड का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री मनोज कुमार अग्रवाल, जबलपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री विवेक शील, भोपाल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
परियोजना का विवरण
मालखेड़ी-महादेवखेड़ी रेलखंड की कुल लंबाई 6.9 किलोमीटर है, जिसमें स्टेशन बिल्डिंग, यार्ड, बड़े और छोटे ब्रिज, और लेवल क्रॉसिंग शामिल हैं। निरीक्षण के दौरान, रेल ट्रैक, ओ.एच.ई. लाइन, स्टेशन बिल्डिंग, ब्रिजों, रेल ओवर रेल, और यार्ड का सघन निरीक्षण किया गया। सीआरएस ने इस सेक्शन में अधिकतम 110 किमी/घंटा की गति से स्पीड ट्रायल भी सफलतापूर्वक किया।
परियोजना के लाभ
1. रेल यातायात का सुगम संचालन: रेल ओवर रेल के कारण यातायात निर्बाध रूप से संचालित होगा।
2. राजस्व वृद्धि: गुड्स और पैसेंजर ट्रैफिक के बढ़ने से रेलवे के राजस्व में वृद्धि होगी।
3. क्षमता वृद्धि: रेलखंड की क्षमता में वृद्धि होने से रेल परिचालन बढ़ेगा और समयपालनता सुनिश्चित होगी।
4. सुरक्षा में सुधार: रेल सुरक्षा में वृद्धि के साथ ट्रेनों का सुगम संचालन भी संभव होगा।
5. औद्योगिक विकास: रेलवे के आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कटनी-बीना और बीना-गुना रेलखंड कोल रूट होने के कारण अत्यंत व्यस्त मार्ग हैं। मालखेड़ी-महादेवखेड़ी सेक्शन के दोहरीकरण से माल और यात्री यातायात में सुधार होगा, जिससे रेलवे की सेवाएं अधिक सुगम और प्रभावी होंगी। पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय की सतत निगरानी में यह परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है, जो भारतीय रेलवे के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।