
राजस्थान। प्रदेश में बजरी माफिया की गुंडागर्दी अब खुलेआम सामने आ रही है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि ना सरकार की कोई सक्रियता नजर आती है और ना ही प्रशासन की कोई सख्ती। पुलिस भी कथित रूप से अपना हिस्सा लेकर आंखें मूंद लेती है, जिससे माफियाओं का मनोबल और अधिक बढ़ता जा रहा है।
ड्राइवरों को बना रखा है शिकार
सबसे ज्यादा अत्याचार उन बेबस ड्राइवरों पर हो रहा है जो सिर्फ अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए ट्रक या डंपर चलाते हैं। वीडियो और चश्मदीदों के हवाले से सामने आया है कि बजरी माफिया के लोग इन ड्राइवरों को बेरहमी से पीटते हैं, धमकाते हैं और उनसे अवैध वसूली करते हैं। अगर कोई विरोध करता है, तो उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता है या जान से मारने की धमकी दी जाती है।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर सवाल
बजरी के अवैध खनन और परिवहन को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सख्त निर्देश दे चुका है, बावजूद इसके राजस्थान में यह कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। आम जनता सवाल कर रही है कि आखिर सरकार और प्रशासन क्यों चुप है? क्या बजरी माफिया की पकड़ सत्ता और सिस्टम दोनों पर भारी पड़ गई है?
जरूरत है कड़ी कार्रवाई की
समाजसेवियों और स्थानीय नेताओं ने इस मामले में राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यह माफिया पूरे सिस्टम को निगल जाएगा।