एम्स भोपाल में नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (NSSK) पर कार्यशाला, शिशु मृत्यु दर कम करने की दिशा में अहम पहल

भोपाल: एम्स भोपाल ने भोपाल जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय के सहयोग से नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (NSSK) पर कार्यशाला आयोजित की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य नवजात शिशुओं की देखभाल और सुरक्षा को बढ़ावा देना था।
कार्यशाला का उद्देश्य:
जन्म के बाद के ‘स्वर्णिम घंटे’ के दौरान नवजात की देखभाल में सुधार
नर्सिंग अधिकारियों के कौशल को सुदृढ़ करना
शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का प्रशिक्षण
विशेषज्ञों की राय:
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा,
“नवजात शिशु की देखभाल में हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। यह कार्यशाला शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। नर्सिंग अधिकारियों को जीवनरक्षक तकनीकों से लैस कर, हम नवजातों को बेहतर देखभाल सुनिश्चित कर रहे हैं।”
भोपाल जिला के CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा,
“यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा और नर्सिंग अधिकारी नवजात शिशुओं को आपातकालीन परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से संभालने में सक्षम होंगे।”
प्रशिक्षण में मुख्य विषय:
आवश्यक नवजात शिशु देखभाल प्रथाएँ
बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) और जीवनदान तकनीकें
प्रसव के दौरान आपातकालीन स्थितियों का प्रबंधन
नवजात सुरक्षा के आधुनिक प्रोटोकॉल
इस कार्यशाला से मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और नवजात देखभाल सेवाओं को मजबूत करने की उम्मीद है।