भिंड जिले में श्मशान घाटों की अनदेखी: ग्रामीणों को अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी
रिपोर्टर : पुखराज भटेले
भिंड जिले में श्मशान घाटों की समस्या पर प्रशासन कब देगा ध्यान?
भिंड जिले की पंचायतों में करोड़ों रुपये के विकास कार्य हुए, जिनमें स्कूलों में कमरों का निर्माण और कुछ स्थानों पर सीसी सड़कों का निर्माण शामिल है। हालांकि, श्मशान घाटों के निर्माण में प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई देती है। पूरे जिले में कई श्मशान घाट अधूरे पड़े हैं—कहीं रास्ता नहीं है, कहीं शेड नहीं बने हैं, तो कहीं बैठने के लिए चबूतरे का अभाव है। इसका असर इस साल की बारिश के दौरान साफ नजर आया, जब करीब 5 पंचायतों में ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के दौरान भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गोहद तहसील के सुज्जे का पुरा गांव में स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां श्मशान घाट के लिए कोई रास्ता नहीं होने के कारण ग्रामीणों को पानी भरे खेतों से होकर गुजरना पड़ता है। अंतिम संस्कार के लिए सूखी जमीन ढूंढना मुश्किल हो गया है, जिसके चलते ग्रामीण शव को सिर पर ले जाने को मजबूर हैं।
गांव के निवासी सरनाम सिंह कुशवाहा, पुत्र जबाहर सिंह कुशवाहा, ने बताया कि पंचायत के खेतों में पानी भरा होने के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति प्रशासन की उदासीनता और विकास के दावों की पोल खोल रही है।
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