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एम्स भोपाल में जल्द शुरू होंगे हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स, मेडिकल क्षेत्र में नई दिशा

भोपाल । एम्स  के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने चिकित्सा और शोध के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उनके मार्गदर्शन में, एम्स भोपाल के कार्डियो थोरासिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम वट्टी ने हाल ही में चेन्नई में आयोजित ‘कॉन्जेनिटल एंड स्ट्रक्चरल हार्ट (CASH)’ इंटरवेंशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में सफलता प्राप्त की। यह कार्यक्रम 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक मद्रास मेडिकल मिशन द्वारा आयोजित किया गया था। प्रो. सिंह ने इस उपलब्धि पर डॉ. वट्टी को बधाई देते हुए कहा, “यह सफलता एम्स भोपाल की मेडिकल टीम की उत्कृष्टता और सतत व्यावसायिक विकास की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”

इस अवसर पर डॉ. विक्रम वट्टी ने हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स के महत्व और इसके हृदय चिकित्सा में योगदान पर अपने विचार साझा किए। हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीकों और सर्जिकल सुविधाओं का मिश्रण हैं, जहां पारंपरिक सर्जरी और मिनिमली इनवेसिव इंटरवेंशनल तकनीक को एक साथ किया जा सकता है। इस सुइट का उपयोग एंडोवस्कुलर एओर्टिक रिपेयर, हाइब्रिड कोरोनरी आर्टरी रिवास्कुलराइजेशन, हाइब्रिड एरिथमिया प्रक्रियाएं और हाइब्रिड कॉन्जेनिटल प्रक्रियाओं जैसे जटिल हृदय रोगों के उपचार में किया जाता है। डॉ. वट्टी के अनुसार, हाइब्रिड सर्जरी से सर्जिकल जटिलताओं का जोखिम कम होता है और रोगियों की रिकवरी प्रक्रिया तेज होती है, जिससे परिवारों को कम मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।

मद्रास मेडिकल मिशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भारतभर से 20 प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट को आमंत्रित किया गया था, लेकिन डॉ. विक्रम वट्टी एकमात्र कार्डियक सर्जन थे, जिन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के अग्रणी चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच कौशल विकास और ज्ञान साझा करना था, और इसे डॉ. के. शिव कुमार के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।

एम्स भोपाल की यह पहल भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में नई दिशा प्रदान करती है और स्वास्थ्य देखभाल में नवाचार के अग्रणी कदम के रूप में उभर रही है।

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