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धोखाधड़ी के मामले में पति को 21, पत्नि को 7 साल की जेल

दंपत्ति ने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का झांसा देकर की थी करोड़ो की ठगी
भोपाल । राजधानी की विशेष अदालत ने शेयर मार्केट में रकम इंवेस्ट कर मोटा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर करोड़ो की ठगी करने वाले आरोपी पति-पत्नि को सुनवाई पूरी होने पर दोषी करार देते हुए पति को 21 साल के कठोर कारावास और पत्नि को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है। आर्थिक अपराध से संबधित धोखाधड़ी का यह मामला 12 साल पुराना है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश और एडीजे मनोज कुमार सिंह की कोर्ट ने सुनाते हुए आरोपियो पर अर्थदंड भी लगाया है। प्रकरण में शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक रामकुमार खत्री ने की। लोक अभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू ने शिकायत मिलने पर जॉच के बाद साल 2012 में स्टॉक गुरु डॉट इंडिया नामक कंपनी के डायरेक्टर लोकेश्वर देव उर्फ उल्लास प्रभाकर खेरे और उनकी पत्नी रक्षा उर्फ प्रियंका सारस्वत के खिलाफ मामला दर्ज किया था। दंपत्ति पर आरोप था, कि उन्होनें फर्जी दस्तावेज तैयार कर निवेशकों को झांसा दिया की उनकी कंपनी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करती है, और निवेश की गई सारी रकम पर हर महीने 20 प्रतीशत का लाभ देती है। साथ ही दोनो ने छह महीने में निवेश की गई पूरी रकम वापस करने का भी वादा किया था। उनके झांसे में आकर कई लोगों ने कंपनी में 8 से 10 लाख तक निवेश किया। दंपत्ति ने कुछ महीनो तक तो 20 प्रतिशत लाभ दिया लेकिर बाद में रिफंड देना बंद कर दिया। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने लोकेश्वर देव उर्फ उल्लास प्रभाकर खेरे आईपीसी की धारा 420 में 5 साल, धारा 419 में 2 साल, धारा 406 में 2 साल, धारा 471 और 468 में 5-5 साल की सजा सुनाई। साथ ही 24 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। उसकी पत्नि आरोपी सह-आरोपी प्रियंका को धारा 420/120बी में पांच साल, धारा 406/120बी में 1 साल व धारा 419 में 1 साल की सजा और 11 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई गई। लोक अभियोजक ने आगे बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियुक्तों को हर धारा की सजा अलग-अलग भुगतनी होगी। न्यायधीश ने फैसले में लिखा है कि अपराध और इसकी प्रवृत्ति के कारण समाज पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को देखते हुए हर अपराध के लिए अलग-अलग सजा भुगतनी होगी। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में भी सजा अलग-अलग होगी। इस फैसले के आधार पर अभियुक्त को 21 साल की कठोर सजा भुगतनी होगी।

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