State

एम्स भोपाल में होली का जश्न: कैंसर पीड़ित बच्चों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

एम्स भोपाल में कैंसर से जूझ रहे बच्चों के लिए विशेष होली उत्सव का आयोजन
रंगों, मिठाइयों, खेल और नृत्य के साथ बच्चों ने बिताया खुशनुमा दिन
कैंकिड्स संस्था, डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ ने मिलकर बच्चों के साथ मनाई खुशियों भरी होली
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की

भोपाल । रंगों का पर्व होली इस बार एम्स भोपाल के बाल चिकित्सा वार्ड में कैंसर से जूझ रहे नन्हे मरीजों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। कठोर उपचार प्रक्रिया के बीच, इन बच्चों ने रंगों, मिठाइयों, केक, खेल और नृत्य के साथ होली का विशेष आनंद लिया। यह आयोजन कैंकिड्स संस्था के सहयोग से किया गया, जिसमें नर्सिंग स्टाफ, रेजिडेंट डॉक्टर और फैकल्टी सदस्यों ने भी पूरे उत्साह से भाग लिया।

बच्चों की खुशी में रंग भरा एम्स भोपाल का विशेष आयोजन

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों के लिए यह त्योहार एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आया। नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों ने बच्चों के साथ मिलकर गुलाल उड़ाया, उन्हें उपहार दिए और उनके साथ खेलों में भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल बच्चों बल्कि उनके माता-पिता और अस्पताल कर्मचारियों के लिए भी तनाव मुक्त और आनंददायक माहौल बनाया।

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक का विशेष संदेश

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने बच्चों को होली की शुभकामनाएँ देते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा:”होली आनंद, एकता और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। जब हमारे नन्हे मरीज इस त्योहार का आनंद लेते हैं, तो यह उनके दर्द को कम कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाता है। एम्स भोपाल केवल रोगों के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि हम अपने मरीजों के समग्र कल्याण के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। इस तरह के आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उनकी उपचार प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होते हैं।”

रंगों में घुली सकारात्मकता और आशा

यह उत्सव बच्चों और उनके माता-पिता के लिए उम्मीद और खुशी की किरण लेकर आया। अस्पताल स्टाफ ने इस पहल को मरीजों की मानसिक सेहत और समग्र उपचार प्रक्रिया के लिए आवश्यक बताया। इस आयोजन से कैंसर पीड़ित बच्चों के हौसले को बल मिला और उनके संघर्ष को आसान बनाने की प्रेरणा मिली।

निष्कर्ष:

एम्स भोपाल ने साबित किया कि उपचार केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि प्रेम और खुशियों से भी संभव है। ऐसे आयोजनों से मरीजों की मानसिक शक्ति बढ़ती है और उनके ठीक होने की संभावना में सुधार होता है। होली का यह विशेष उत्सव कैंसर से लड़ रहे बच्चों के लिए न केवल एक रंगीन दिन साबित हुआ, बल्कि उनके चेहरे पर सच्ची मुस्कान भी लेकर आया।

Related Articles