जैन संतो का ऐतिहासिक मिलन, समाज में एकता और सद्भावना की आवश्यकता पर बल
मुनिश्री निर्णय सागर महाराज ने कहा: ‘हम और वहम संबंधों में दरार पैदा करता है’
भोपाल, । आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि श्री निर्णय सागर महाराज और मुनि श्री निराकुल सागर महाराज का मिलन पलासी जैन मंदिर में हुआ। इस धार्मिक और ऐतिहासिक अवसर पर मुनि श्री निर्णय सागर महाराज ने प्रातः पद विहार करते हुए धर्मनाथ जिन मंदिर पहुंचकर अपने अनुयायियों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद मुनि श्री निराकुल सागर महाराज ने भी परिक्रमा कर वात्सल्य भाव प्रकट किए।
यह मिलन देखकर उपस्थित सधर्मी बंधुओं ने आचार्य श्री के जयकारों के साथ इस घटनाक्रम का अनुमोदन किया। मुनि श्री निर्णय सागर महाराज ने अपने संबोधन में कहा, “वर्तमान समय में समाज और देश के सामने अनेक परेशानियां हैं। आजकल की जीवनशैली में अहम और वहम, समाज को अपने पथ से भटका रहे हैं और आपस में राग-द्वेष पैदा कर रहे हैं। समाज और देश के विकास के लिए परस्पर एकता और सद्भावना की आवश्यकता है।”
समाज में एकता और सद्भावना की आवश्यकता पर मुनि श्री का जोर
मुनि श्री निर्णय सागर महाराज ने समाज को एकजुट करने के महत्व को समझाया और बताया कि “हम और वहम” जैसे भाव मनुष्यों के बीच दूरियां और दरारें पैदा करते हैं। इन मानसिकताओं से निजात पाकर हम समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा दे सकते हैं। इस दौरान पंचायत कमिटी के अध्यक्ष मनोज वांग, पूर्व अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु, गो सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम चंद प्रेमी, धर्मनाथ दिगंबर मंदिर समिति के अभिषेक, संयम राज जैन, राजेंद्र कुमार जैन, विजय गोल्डी जैन, कल्पना जैन, ऋचा जैन, सौम्या जैन, नैंसी जैन और अन्य धर्माभिलंबी उपस्थित थे।
6 दिसंबर को भूमि शिलान्यास कार्यक्रम की घोषणा
समाज के मीडिया प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि शुक्रवार, 6 दिसंबर को मुनि संघ के सन्निध में नव निर्मित जैन मंदिर का भूमि शिलान्यास कार्यक्रम संपन्न होगा। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रातः 7 बजे से किया जाएगा, जिसमें मूलनायक श्री धर्मनाथ स्वामी के अभिषेक के साथ विधि विधान से अनुष्ठान प्रारंभ होंगे।
निष्कर्ष:
जैन संतो का यह मिलन न केवल एक धार्मिक घटना थी, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की आवश्यकता पर भी जोर देने वाला एक महत्वपूर्ण संदेश था। मुनि श्री निर्णय सागर महाराज और मुनि श्री निराकुल सागर महाराज के विचार आज के समाज की बदलती धारा में एक दिशा दिखाने का काम करते हैं।