MP विधानसभा में किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन, कृषि मंत्री कंसाना की तबियत बिगड़ी
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भोपाल में किसानों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को लेकर कांग्रेस विधायक दल ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। चिड़िया चुग गई खेत की प्रतीकात्मक झांकी के साथ कांग्रेस ने भाजपा सरकार की किसान-नीतियों पर कड़ा हमला बोला। इसी बीच एक बड़ी घटना तब हुई जब प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना सदन में अचानक बेहोश होकर गिर पड़े, जिसके बाद मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री उनके पास पहुंचे और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
कांग्रेस का विधानसभा घेराव: किसानों की दुर्दशा पर तीखा हमला
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने किसानों की बिगड़ती स्थिति के मुद्दे पर विधानसभा परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक दल ने चिड़िया चुग गई खेत की सांकेतिक झांकी के माध्यम से यह संदेश दिया कि सरकारी नीतियों की नाकामी से किसानों की मेहनत, फसल और उम्मीदें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। विधायक दिनेश गुर्जर सहित कई कांग्रेस विधायक किसानों की खराब फसलों और मुआवज़े की मांग को दर्शाती तख्तियां लेकर पहुंचे और भाजपा पर किसानों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
उमंग सिंघार का आरोप: ‘अन्नदाता दर-दर भटक रहा, सरकार भावांतर का झुनझुना बजा रही’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसान कभी खाद, कभी उचित समर्थन मूल्य, और कभी फसल मुआवज़े के लिए भटक रहा है। अन्नदाता मजबूरी में सड़कों पर संघर्ष कर रहा है, जबकि सरकार सिर्फ घोषणाओं का ढोल पीट रही है। भाजपा सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह असफल रही है। कांग्रेस ने साफ कहा कि वे किसानों की लड़ाई लड़ते रहेंगे और उनके अधिकारों को लेकर हर मंच पर आवाज उठाते रहेंगे।
विधानसभा के अंदर बड़ी घटना: कृषि मंत्री कंसाना अचानक बेहोश
सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों बाद कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना अचानक चक्कर खाकर बेहोश हो गए। कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सदन में प्रवेश कर रहे थे, उन्होंने मंत्री को बेहोश होते देखा और तुरंत उनके पास पहुंचे।चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया, जहां उनका इलाज जारी है। यह घटना पूरे सदन में चिंता का विषय बन गई।
सत्र छोटा होने पर कांग्रेस का विरोध
शीतकालीन सत्र 1 से 5 दिसंबर तक है, जिसमें 3 दिसंबर अवकाश है। इस तरह सिर्फ चार बैठकें निर्धारित हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जानबूझकर सत्र छोटा रख रही है ताकि विपक्ष के सवालों से बचा जा सके।
सदन के भीतर विधेयकों पर गर्म चर्चा, नगर पालिका एक्ट संशोधन विधेयक
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्षों का चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने पर सहमति बनी है। प्रत्यक्ष चुनाव से अध्यक्ष पूरे शहर के विकास पर समान रूप से काम करेंगे। अभी वार्ड-भेदभाव की प्रवृत्ति खत्म होगी।
नीना वर्मा की मांग
भाजपा विधायक नीना वर्मा ने 2019 में दर्ज CAA विरोध केस वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके 82 वर्षीय पति को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
राइट टू रिकॉल पर सरकार का रुख स्पष्ट करो
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा । यदि प्रत्यक्ष चुनाव होंगे, तो राइट टू रिकॉल की व्यवस्था भी जरूरी है। हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए कड़ी व्यवस्था होनी चाहिए। सहकारिता और मंडी चुनाव न कराना लोकतंत्र के खिलाफ है।
भोपाल में आज विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह किसानों के मुद्दों पर राजनीतिक गर्माहट साफ दिखी।
कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को बेहद आक्रामक तरीके से उठाया, वहीं सदन के भीतर मंत्री कंसाना की बिगड़ी तबियत ने सभी को चिंता में डाल दिया। आने वाले दिनों में किसान मुद्दा, नगर पालिका एक्ट संशोधन, राइट टू रिकॉल और 2019 के केस वापसी जैसे मुद्दे सत्र को और भी गरमाने वाले हैं।
