
**भोपाल:** श्री सत्य साई महिला महाविद्यालय, भोपाल में 21-22 जुलाई 2024 को गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। पहले दिन के कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्चना श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस अवसर पर छात्राओं ने सरस्वती वंदना और वेद पाठ प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं और प्राध्यापिकाओं ने गुरु पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी, जिन्हें सामूहिक स्वर में गाया गया। डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने गुरु की महिमा पर अपने भाषण में कहा कि गुरु जीवन के महानतम उद्देश्य की ओर मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने माता-पिता को हमारे पहले गुरु बताते हुए, श्री सत्य साई बाबा की मंगल आरती के साथ पहले दिन के कार्यक्रम का समापन किया।
दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और गुरु वंदना से की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. श्रीमती चरणजीत कौर, प्राचार्य, केरियर महाविद्यालय और डॉ. आशा अग्रवाल, पूर्व प्राचार्य, श्री सत्य साई महिला महाविद्यालय उपस्थित रहीं। अतिथियों का स्वागत शॉल, श्रीफल और तुलसी के पौधे से किया गया।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने स्वागत भाषण में शिक्षा को जीवन के लिए आवश्यक बताते हुए, गुरु की परम भक्ति की बात की। महाविद्यालय की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने कहा कि श्री सत्य साई महिला महाविद्यालय अपनी गुणवत्तापूर्ण और मूल्यपरक शिक्षा के लिए जाना जाता है। उन्होंने संस्कारों के महत्व पर बल दिया और संस्कृति को जीवंत रखने की अपील की।
मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में माता-पिता और गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कमल और कीचड़ के उदाहरण का उपयोग करते हुए बताया कि जीवन में चरित्र की आवश्यकता है। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण स्टेज—भटकाव से बचना, जिज्ञासु बनना और साधु भाव रखना—की बात की। उन्होंने अहंकार का त्याग करने और आत्मा को पवित्र रखने पर जोर दिया।
पूर्व प्राचार्य डॉ. आशा अग्रवाल ने माता-पिता को प्रथम गुरु मानते हुए उनके सम्मान और उनके आदेशों का पालन करने की बात की।
कार्यक्रम के अंत में, प्राध्यापिकाओं को श्रीफल और नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। छात्राओं ने गुरु महिमा पर रंगारंग प्रस्तुतियां दीं, जिसमें बी.एड. की छात्रा अंकिता सेन ने गुरु पर अपने विचार व्यक्त किए और माधवी सिंह ने गुरु महिमा पर सुंदर दोहे प्रस्तुत किए।