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मध्य प्रदेश के 5.50 लाख एनपीएस धारक कर्मचारियों को फंड मैनेजर चुनने का विकल्प, सरकार ने जारी किए आदेश

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निवेश का रास्ता साफ कर दिया है। अब राज्य के 5.50 लाख एनपीएस धारक कर्मचारी शेयर बाजार में निवेश के लिए फंड मैनेजर का चुनाव कर सकेंगे। सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। मध्य प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बंद कर दिया गया है और नई पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई है, जो 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों पर लागू होती है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश में 4,42,141 एनपीएस धारक कर्मचारी हैं। एनपीएस में 14% का अंशदान सरकार देती है और 10% का अंशदान कर्मचारी देता है। एनपीएस योजना पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित है।

अभी तक एनपीएस योजना की राशि एसबीआई, एलआईसी और म्युचुअल फंड में लगाई जाती थी, जिससे कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के बाद फंड ज्यादा नहीं बढ़ रहा था। सालों से कर्मचारी एनपीएस में फंड मैनेजर का विकल्प चुनने की मांग कर रहे थे, जिससे वे इक्विटी शेयर और गवर्नमेंट इक्विटी बांड में राशि लगा सकें।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में एनपीएस धारक कर्मचारियों को फंड मैनेजर का चुनाव करने की अनुमति दी थी, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी तक एनपीएस की राशि केवल एसबीआई, एलआईसी और म्युचुअल फंड में लगाई जा रही थी। अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी एनपीएस धारक कर्मचारियों को फंड मैनेजर का चुनाव करने की अनुमति दी है, जिससे वे अपने एनपीएस का पैसा गवर्नमेंट सिक्योरिटी फंड और इक्विटी शेयर में लगा सकेंगे। इससे कर्मचारियों को रिटर्न अधिक मिलेगा।

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