सरकारी दावे खोखले साबित हुए, यू पी एस समर्थक नेता हुए बेनक़ाब
**भोपाल:** नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार, 26 सितंबर 2024 को पूरे देश में जिला स्तर पर यूपीएस के खिलाफ आक्रोश मार्च आयोजित किए गए। जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक हुए इन जबरदस्त आक्रोश मार्चों ने साबित कर दिया कि कर्मचारी यूपीएस के छलावे को समझ चुके हैं और ओपीएस की बहाली के लिए आंदोलन और तेज होगा।
आक्रोश मार्च की सफलता ने सरकार के इस दावे को खोखला साबित कर दिया कि यूपीएस से कर्मचारी खुश हैं। इस देशव्यापी आक्रोश मार्च ने उन कर्मचारी नेताओं को भी बेनक़ाब कर दिया है जो कर्मचारियों के हितों से गद्दारी करके यूपीएस लाने के लिए सरकार की गोद में बैठ गए थे। रेलवे में इस मार्च ने तूफान ला दिया है, जहां रेलवे कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
दिल्ली और भोपाल में ठगों की संख्या और उनकी गतिविधियां ज्यादा हैं। ये ठग ओपीएस प्राप्त नेता कर्मचारियों को भ्रमित करके उनकी एकता को खंडित करने का प्रयास करते रहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे ये ठग बेनक़ाब होंगे, ओपीएस बहाली का आंदोलन और तेज एवं जबरदस्त हो जाएगा। मध्य प्रदेश के आक्रोश मार्च में शामिल कर्मचारियों की सराहना की जानी चाहिए, खासकर महिलाओं की उपस्थिति ने हौसला बढ़ाया है।
मध्य प्रदेश में एनपीएस धारी कर्मचारियों की संख्या साढ़े 7 लाख से भी अधिक है, और देश में यह संख्या 1 करोड़ से अधिक है। इसलिए, कर्मचारियों को पेंशन आंदोलन से जोड़ने को प्राथमिकता दी जाएगी। संगठन में उनका स्पेस और रोल दोनों ही बढ़ाए जाएंगे।
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बढ़ते आंदोलन के साथ ही पुरानी पेंशन योजना की बहाली का समर्थन भी बढ़ रहा है। रिटायर्ड कर्मचारियों के कुछ संगठनों के साथ ही अनेक किसान संगठनों और औद्योगिक मजदूर संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे और वोट फॉर ओपीएस का समर्थन किया है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।
इसलिए वह दिन दूर नहीं जब एनपीएस/यूपीएस योजना को सरकार रद्द करेगी और ओपीएस बहाल करेगी। मध्य प्रदेश में आक्रोश मार्च से अच्छी शुरुआत हो गई है, इसे हर विभाग तक कर्मचारियों के हर वर्ग में फैलाया जाएगा। सदस्यता अभियान और तेज किया जाएगा।
**दिल्ली में 15 दिसंबर को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम का राष्ट्रीय अधिवेशन है।** इसकी तैयारी में भी लगना है और संगठन का विस्तार भी करना है। शुरू कीजिए, सब होगा। दिल्ली को पूरा देश देखेगा।