भोपाल। । मध्यप्रदेश सरकार पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए गंगा-नर्मदा टूरिज्म कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में कार्यरत है। यह कॉरिडोर प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों को मध्यप्रदेश की प्राकृतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों से जोड़ेगा। इस पहल से दोनों राज्यों के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटकों को एक समृद्ध अनुभव मिलेगा।
नई दिल्ली में ‘टूरिज्म सस्टेनिबिलिटी समिट’ में हुई घोषणा
नई दिल्ली में आयोजित ‘टूरिज्म सस्टेनिबिलिटी समिट’ में प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग और एमपी टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला ने प्रमुख वक्ता के रूप में इस परियोजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
उत्तर प्रदेश-मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का आपसी प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के ट्रैवल एजेंट्स, टूर ऑपरेटर्स और होटल व्यवसायियों के लिए जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। पर्यटन स्थलों के लिए परिचय (FAM) यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। प्रयागराज, काशी, अयोध्या, कानपुर, आगरा में आक्रामक प्रचार एवं ब्रांडिंग की जाएगी। प्रयागराज से जबलपुर के रास्ते रीवा, मैहर माता मंदिर, धुआंधार जलप्रपात, भेड़ाघाट, बांधवगढ़, कान्हा नेशनल पार्क और अमरकंटक जैसे पर्यटन स्थलों को बढ़ावा मिलेगा। चित्रकूट को अयोध्या से जोड़ने के लिए राम पथ गमन मार्ग विकसित किया जा रहा है। बनारस में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाले पर्यटकों को ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन का भी लाभ मिलेगा।
2047 तक जीडीपी में 8-10% योगदान देगा पर्यटन
श्री शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में मध्यप्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 3-3.5% है, जिसे 2028 तक 4-5% और 2047 तक 8-10% तक बढ़ाने की योजना है।
उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटन क्षेत्र में 10 लाख के निवेश पर करीब 90 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होता है, जो अन्य उद्योगों की तुलना में कहीं अधिक है।
गंगा-नर्मदा टूरिज्म कॉरिडोर पर्यटन विभाग की प्राथमिकता: प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला
