भारत के इतिहास में पहली बार सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार, महंगाई पर उठा बड़ा सवाल

नई दिल्ली: भारत में सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक ऊंचाई को छू लिया है। पहली बार गोल्ड रेट ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर गया है। मेकिंग चार्ज समेत यह दर देश भर में सुर्खियों में है और आम लोगों की जेब पर सीधा असर डाल रही है।
2014 में ₹25,000 — 2024 में ₹1 लाख, 10 साल में चौगुना हुआ गोल्ड रेट
2014 में जब कांग्रेस सरकार थी, उस समय 10 ग्राम सोने की कीमत करीब ₹25,000 थी। लेकिन अब मोदी सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा ₹1 लाख को पार कर गया है। सोने की कीमतों में इस भारी बढ़ोतरी ने न सिर्फ आम जनता को चौंका दिया है, बल्कि महंगाई को लेकर नई बहस भी शुरू हो गई है।
महंगाई चरम पर — गरीबों की थाली पर असर
खाद्य पदार्थों से लेकर पेट्रोल-डीजल और अब सोना — हर चीज़ की कीमत आसमान छू रही है। गरीब और मध्यम वर्ग बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या यह आर्थिक विकास है या आम जनता की आर्थिक तबाही?
सोशल मीडिया पर बंटा जनमत — आलोचना और बचाव दोनों जारी
एक ओर सरकारी समर्थक इसे ‘मोदी का मास्टरस्ट्रोक’ बता रहे हैं, तो दूसरी ओर आम जनता और विपक्षी दल इसे बढ़ती महंगाई और कमजोर आर्थिक नीतियों का परिणाम बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर #GoldPrice100K और #महंगाई_की_मार जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
गोदी मीडिया पर सवाल — क्या दिखाया जा रहा है सच्चा भारत?
महंगाई की मार झेल रही जनता का कहना है कि मुख्यधारा मीडिया इस मुद्दे को सही तरीके से नहीं उठा रही। लोगों का आरोप है कि मीडिया वास्तविक समस्याओं से ध्यान भटका रही है, जबकि गरीब आदमी रोटी के लिए तरस रहा है।
अब सवाल यह है — क्या यह आर्थिक प्रगति का संकेत है या आम लोगों के लिए खतरे की घंटी? क्या सरकार महंगाई से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी या जनता को इसी हाल में जीने के लिए मजबूर किया जाएगा?